प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को महाराष्ट्र में 7,600 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और महाराष्ट्र स्थित 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया।
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने नागपुर में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उन्नयन और शिरडी हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी और मुंबई में निर्मित भारतीय कौशल संस्थान और विद्या समीक्षा केंद्र महाराष्ट्र का उद्घाटन किया।
अधिकारियों के मुताबिक डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे नागपुर के उन्नयन की परियोजना विनिर्माण, विमानन, पर्यटन, रसद और स्वास्थ्य सेवा सहित कई क्षेत्रों में विकास के लिए उत्प्रेरक का काम करेगी, जिससे नागपुर शहर और व्यापक विदर्भ क्षेत्र को लाभ होगा।
उनके मुताबिक प्रधानमंत्री ने शिरडी हवाई अड्डे पर 645 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले जिस नए एकीकृत टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी, उससे शिरडी आने वाले धार्मिक पर्यटकों के लिए विश्व स्तरीय सुविधाएं और सुख-सुविधाएं मिलेंगी। प्रस्तावित टर्मिनल के निर्माण की थीम साईं बाबा के आध्यात्मिक नीम के पेड़ पर आधारित है।
प्रधानमंत्री ने किफायती और सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए जिन 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन किया वह मुंबई, नासिक, जालना, अमरावती, गढ़चिरौली, बुलढाणा, वाशिम, भंडारा, हिंगोली और अंबरनाथ (ठाणे) में स्थित हैं।
अधिकारियों के मुताबिक ये कॉलेज स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों को बढ़ाने के साथ-साथ, लोगों को विशेष तृतीयक स्वास्थ्य सेवा भी प्रदान करेंगे।
प्रधानमंत्री ने जिस भारतीय कौशल संस्थान (आईआईएस) का उद्घाटन किया उसका उद्देश्य अत्याधुनिक तकनीक और व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ उद्योग के लिए कुशल कार्यबल तैयार करना है।
सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत स्थापित, यह टाटा एजुकेशन एंड डेवलपमेंट ट्रस्ट और भारत सरकार के बीच एक सहयोग है। संस्थान मेक्ट्रोनिक्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, डेटा एनालिटिक्स, औद्योगिक स्वचालन और रोबोटिक्स जैसे अत्यधिक विशिष्ट क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करने की योजना बना रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक विद्या समीक्षा केंद्र (वीएसके) छात्रों, शिक्षकों और प्रशासकों को स्मार्ट उपस्थिति, स्वाध्याय जैसे लाइव चैटबॉट के माध्यम से महत्वपूर्ण शैक्षणिक और प्रशासनिक डेटा तक पहुंच प्रदान करेगा।
अधिकारियों ने बताया कि यह स्कूलों को संसाधनों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन करने, अभिभावकों और राज्य के बीच संबंधों को मजबूत करने और उत्तरदायी सहायता प्रदान करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली जानकारियां प्रदान करेगा।
उनके मुताबिक यह शिक्षण के तौर तरीकों और छात्रों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए निर्देशात्मक संसाधन भी प्रदान करेगा।
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