प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधी जयंती पर बुधवार को झारखंड के हजारीबाग की धरती से जनजातीय समुदाय के विकास से जुड़ी 83 हजार करोड़ से अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास किया। यहां विनोबा भावे विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत ‘जोहार’ से की।
उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि उन्हें झारखंड की विकास योजनाओं में सहभागी होने का मौका मिला है। ये योजनाएं आदिवासी समाज के कल्याण और उत्थान से जुड़ी हैं। ये परियोजनाएं भारत सरकार की ओर से आदिवासी समाज को मिल रही प्राथमिकता का प्रमाण हैं। आज पूज्य बापू की जन्म जयंती है। आदिवासी विकास के लिए उनके विचार हमारी पूंजी हैं। बापू का मानना था कि भारत का विकास तभी हो सकता है, जब जनजातीय समाज का विकास हो।
उन्होंने 79,156 करोड़ रुपए की लागत वाली ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ लॉन्च करते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी योजना है, जिससे 65 हजार आदिवासी बहुल गांवों के विकास का अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने पीएम जन मन योजना का लोकार्पण, झारखंड में 40 एकलव्य स्कूलों का उद्घाटन और 25 स्कूलों का शिलान्यास भी किया।
उन्होंने 1,380 किलोमीटर से अधिक सड़कें, 120 आंगनबाड़ी, 250 बहुउद्देशीय केंद्र और 10 स्कूल छात्रावास का तोहफा भी दिया। इसके अलावा 3,000 गांवों में 75,800 से अधिक विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के घरों का विद्युतीकरण, 275 मोबाइल मेडिकल इकाइयों और 500 आंगनबाड़ी केंद्रों का भी लोकार्पण किया।
‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ की योजना देश के आदिवासी बहुल गांवों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने और जनजातीय आबादी को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्यों पर केंद्रित है। यह योजना 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 549 जिलों के 2,740 ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले करीब 63,000 आदिवासी बहुल गांवों को कवर करेगी और इससे 5 करोड़ से अधिक जनजातीय आबादी लाभान्वित होगी।
इस अभियान के तहत आदिवासी गांवों में 20 लाख आवास, 25 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कों और पुलों के निर्माण, हर घर को स्वच्छ पेयजल, गैस और बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य है। इसके अलावा 100 आदिवासी मार्केट सेंटर, आश्रम एवं स्कूल, चलित स्वास्थ्य केंद्र, कौशल विकास केंद्र की स्थापना की जानी है। इस अभियान के तहत जनजातीय समूहों की आय बढ़ाने के लिए कृषि, बागवानी को प्रोत्साहित करना और जनजातीय संस्कृति, विरासत एवं परंपराओं को संरक्षित करने का भी लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इस मौके पर मौजूद केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल ओराम ने प्रधानमंत्री को झारखंड की आदिवासी सरना संस्कृति का प्रतीक शॉल और सोहराई पेंटिंग भेंट कर स्वागत किया। इस मौके पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ सहित कई महत्वपूर्ण लोग उपस्थित रहे।
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