प्लेटलेट्स (Platelets) हमारे शरीर में खून के थक्के बनाने का काम करते हैं, जिससे चोट लगने या आंतरिक रक्तस्राव की स्थिति में खून बहना रुक जाता है। लेकिन अगर शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घटने लगे, तो यह कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकता है। प्लेटलेट्स कम होने पर शरीर में कमजोरी, ब्लीडिंग, और इम्यून सिस्टम कमजोर होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आइए जानते हैं उन 4 बीमारियों के बारे में, जिनमें प्लेटलेट्स तेजी से गिरते हैं और समय रहते इलाज कराना क्यों जरूरी है।
1. डेंगू (Dengue Fever)
डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो मच्छरों के काटने से फैलता है। इस बीमारी में प्लेटलेट्स की संख्या बहुत तेजी से गिरती है, जिससे मरीज को ब्लीडिंग, शरीर में लाल चकत्ते, और तेज बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर प्लेटलेट्स का स्तर 20,000 से नीचे गिर जाए, तो यह जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए डेंगू होने पर डॉक्टर की निगरानी में रहना और सही उपचार करवाना बेहद जरूरी है।
2. चिकनगुनिया (Chikungunya)
डेंगू की तरह चिकनगुनिया भी मच्छरों के काटने से फैलने वाली बीमारी है। इसमें जोड़ों में तेज दर्द और बुखार के साथ प्लेटलेट्स तेजी से कम होने लगते हैं। हालांकि चिकनगुनिया में प्लेटलेट्स का स्तर डेंगू जितना नहीं गिरता, लेकिन मरीज को कमजोरी और थकान का अनुभव होता है। सही समय पर इलाज और हाइड्रेशन से स्थिति को कंट्रोल किया जा सकता है।
3. लेप्रोसी (Leprosy – कुष्ठ रोग)
लेप्रोसी एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो तंत्रिका तंत्र और त्वचा को प्रभावित करता है। इस बीमारी में प्लेटलेट्स की संख्या धीरे-धीरे कम हो सकती है, जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह शरीर में गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकता है।
4. अप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia)
यह एक गंभीर ब्लड डिसऑर्डर है, जिसमें बोन मैरो (अस्थि मज्जा) प्लेटलेट्स, रेड ब्लड सेल्स और वाइट ब्लड सेल्स का उत्पादन करना बंद कर देता है। इसके कारण शरीर में प्लेटलेट्स की भारी कमी हो सकती है, जिससे नाक से खून बहना, मसूड़ों से खून आना और शरीर में अनायास चोट के निशान बनने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस स्थिति में बोन मैरो ट्रांसप्लांट या अन्य मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है।
अगर शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से गिरने लगें, तो इसे हल्के में न लें। यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। डेंगू, चिकनगुनिया, लेप्रोसी और अप्लास्टिक एनीमिया जैसी बीमारियों में प्लेटलेट्स की संख्या कम होती है, जिससे शरीर कमजोर हो सकता है। इसलिए नियमित रूप से ब्लड टेस्ट करवाएं और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। सही समय पर इलाज से आप इन बीमारियों से बच सकते हैं और अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं!