पाकिस्तान की खस्ताहाल अर्थव्यवस्था किसी से छिपी नहीं है. कंगाली पर खड़े पाकिस्तान को अगर पिछले साल आईएमएफ से लोन नहीं मिला होता तो उसके लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो जाता. हालांकि, एक बार फिर से पाकिस्तान उसी हालत में फंस गया है, जहां उसे ‘कटोरा’ लेकर आईएमएफ से पैसा देने की अपील करना पड़ रहा है. इस बीच प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत को लेकर बड़ा बयान दे दिया है.
द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, फेडरल ब्यूरो ऑफ रेवन्यू (एफबीआर) की बैठक में पहुंचे शहबाज शरीफ ने शनिवार (4 मई) को कहा कि पाकिस्तान अगर कड़ी मेहनत से काम करे तो उसके पास भारत से बेहतर प्रदर्शन करने या उससे भी बड़ी अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ने की ताकत है. शहबाज का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब पड़ोसी मुल्क में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 5.8 ट्रिलियन रुपये की टैक्स चोरी हुई है, जो देश की जीडीपी का 6.9 फीसदी है.
पाकिस्तान के टैक्स चोरी से ज्यादा तो भारत का जीएसटी कलेक्शन
दरअसल, कहीं न कहीं शहबाज शरीफ को खबर है कि भारत ने जीएसटी कलेक्शन में रिकॉर्ड बनाया है, तभी बैठक में पहुंचने पर उन्होंने भारत का जिक्र कर डाला. हाल ही में भारत ने जीएसटी के तौर पर 25.15 बिलियन डॉलर जमा किए है. पिछले साल की तुलना में इसमें 12.4 फीसदी का इजाफा हुआ है. पाकिस्तान में लगभग 20 अरब डॉलर की टैक्स चोरी हुई है. इस तरह पड़ोसी मुल्क में जितनी टैक्स की चोरी हुई है, उससे ज्यादा भारत में जीएसटी कलेक्शन हुआ है.
पड़ोसी देश हमसे आगे: शहबाज शरीफ
बैठक में पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि जिन देशों ने अर्थव्यवस्था को लेकर पुरस्कार और दंड देने में विश्वास किया है, उन्होंने प्रगति की है. पाकिस्तान के जरिए सामना किए जा रही चुनौतियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “राजस्व इकट्ठा करना बड़ी चुनौती है. पड़ोसी देश हमसे बहुत आगे हैं.” भ्रष्टाचार को लेकर बात करते हुए शहबाज ने कहा, “भ्रष्ट्राचार और धोखाधड़ी की वजह से सरकारी खजाने में इजाफा नहीं हो रहा है. इसलिए हमें आईएमएफ के पास जाना पड़ रहा है.”