नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने घाटे में चल रही पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस सहित अपने अधिकांश सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने की मंगलवार को घोषणा की। यानी सरकारी कंपनियों को प्राइवेट सेक्टर के हाथों बेचा जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने यह घोषणा करते हुए कहा कि शुरुआत में केवल घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों का निजीकरण किया जाएगा। हालांकि रणनीतिक महत्व वाले सार्वजनिक उद्यमों को निजीकरण प्रक्रिया से बाहर रखने का फैसला किया गया है।
पाकिस्तान ने नई दीर्घकालिक विस्तारित निधि सुविधा के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के साथ बातचीत शुरू करने के एक दिन बाद इस बड़े कदम की घोषणा की। इसके तहत रणनीतिक उद्यमों को छोड़कर अन्य सभी सरकारी उद्यमों का निजीकरण किया जाएगा। स्थानीय मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, शरीफ ने घाटे में चल रहे सरकारी स्वामित्व वाले उद्यमों के निजीकरण से संबंधित एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह घोषणा की।
‘जियो न्यूज’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि रणनीतिक महत्व के उद्यमों के अलावा अन्य सभी उद्यमों का निजीकरण किया जाएगा। इस दौरान उद्यमों के लाभ या घाटे में चलने के आधार पर कोई भी फर्क नहीं किया जाएगा। शरीफ ने कहा कि सरकार का काम कारोबार करना नहीं है, बल्कि व्यापार और निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने इस फैसले पर अमल करने के लिए सभी मंत्रालयों को जरूरी कदम उठाने और निजीकरण आयोग के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया।
निजीकरण की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस की निजीकरण प्रक्रिया, बोली और अन्य महत्वपूर्ण कदमों के बारे में पूरी जानकारी टेलीविजन पर दी जाए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन पीआईए का निजीकरण अपने अंतिम चरण में है। पहले ऐसी चर्चा थी कि पाकिस्तान सिर्फ घाटे में चल रही सरकारी कंपनियों का ही निजीकरण करने की योजना बना रहा है। लेकिन अब इसके दायरे में लाभ में चल रहे सार्वजनिक उद्यम भी शामिल कर दिए गए हैं।