पाकिस्तान में बढ़ते हमलों का डर इस कदर बढ़ गया है कि पाक सरकार ने अपनी पूरी ताकत भारतीय सीमा पर तैनात करने का फैसला किया है। पाकिस्तान ने अपनी नेवी, एयरफोर्स और सेना की तैनाती भारत सीमा पर बढ़ा दी है। हालांकि, यह तैनाती पाकिस्तान को भारत के हमलों से बचने में मदद कर सकती है, लेकिन पाकिस्तान के सामने एक और बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
पाकिस्तान के मौलाना ने आंतरिक सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-एफ (JUI-F) के प्रमुख और पूर्व गृह मंत्री मौलाना फजलुर रहमान ने कहा, “यदि सेना अपना ध्यान पूर्वी सीमा की ओर मोड़ लेगी, तो आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन उठाएगा? संसद को इस बारे में सही जानकारी दी जानी चाहिए थी।”
पाकिस्तान का क्राइम रेट बहुत ज्यादा है, खासकर कराची जैसे बड़े शहरों में चोरी और स्नेचिंग आम घटनाएं हैं। इसके अलावा बलूचिस्तान में विद्रोही और आतंकवादी पाक सेना को चुनौती दे रहे हैं। अफगान-ईरान सीमा भी सुरक्षित नहीं रही है।
पाकिस्तान के लोगों में बढ़ी चिंता
पाकिस्तान कोई नया देश नहीं है, जो सुरक्षा चिंताओं से अंजान हो। आतंकवाद, क्राइम और बलूच विद्रोहियों के बीच पाकिस्तान लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। ऐसे में भारत के साथ युद्ध पाकिस्तान को बड़े संकट में डाल सकता है, क्योंकि जब पाक सेना भारत के साथ युद्ध में व्यस्त होगी, तब पाकिस्तान में मौजूद शरपसंद पाकिस्तान में अशांति फैला सकते हैं। और इस स्थिति में पाकिस्तानी लोगों को यह भी चिंता सता रही है कि यदि सेना भारत से जंग में व्यस्त होगी तो चोरों और जेबकतरों से सुरक्षा कौन करेगा?
सर्वदलीय बैठक पर भी उठाए सवाल
फजलुर रहमान ने युद्ध को लेकर हुई उच्च स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री और अन्य बड़े नेताओं के अनुपस्थित रहने पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूरे मंत्रिमंडल ने ऐसे महत्वपूर्ण समय में सदन से अनुपस्थित रहने का फैसला किया।”
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