जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेन्स के उपाध्यक्ष ने कहा है कि उन्होंने कभी भी भाजपा को राज्य की राजनीति में हावी नहीं होने दिया और NDA में रहते हुए भी भाजपा को चुनाव हरा दिया। अब्दुल्ला ने कहा कि जब वो केंद्र की अटल बिहार वाजपेयी की सरकार में मंत्री थे और एनडीए का हिस्सा थे, तब भी उनकी पार्टी ने भाजपा को जम्मू-कश्मीर में पसरने नहीं दिया। यहां तक कि जम्मू लोकसभा सीट पर भी लोकसभा चुनाव में उसे हरा दिया।
उमर अब्दुल्ला का यह बयान पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती के उस बयान के बाद आया है, जिसमें मुफ्ती ने कहा था कि पीएम मोदी को अब्दुल्ला परिवार का शुक्रगुजार होना चाहिए कि उन्होंने भाजपा को जम्मू-कश्मीर में अपना एजेंडा लागू करने दिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, “मैं महबूबा मुफ्ती को बताना चाहूंगा कि हम एनडीए का हिस्सा थे, लेकिन हमने कभी बीजेपी को जम्मू-कश्मीर में घुसने नहीं दिया। एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद हमने बीजेपी को जम्मू की संसदीय सीट जीतने नहीं दी।” अब्दुल्ला ने कहा कि महबूबा मुफ्ती को राज्य के लोगों से माफी मांगनी चाहिए कि उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर कैसे नाकाम सरकार चलाई और भाजपा को राज्य में पसरने का मौका दिया।
इससे पहले पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को कहा था कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय में अहम भूमिका निभाने के लिए शेख अब्दुल्ला परिवार का आभारी होना चाहिए। मुफ्ती ने संवाददाताओं से कहा, “मेरा मानना है कि मोदी को शेख साहब (नेशनल कॉन्फ्रेंस के संस्थापक) और उनके परिवार का आभारी होना चाहिए, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय में अहम भूमिका निभायी।” उन्होंने आरोप लगाया कि जब नेशनल कॉन्फ्रेंस(नेंका) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में मंत्री थे, तो उन्होंने आधिकारिक पुष्टि से पहले ही जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अधिनियम (पोटा) लागू कर दिया था और कश्मीरी शिल्प शाहतूश पर प्रतिबंध लगा दिया था। उमर अब्दुल्ला जुलाई 2001 से दिसंबर 2002 तक वाजपेयी की सरकार में विदेश राज्य मंत्री थे। उससे पहले वह वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री थे।
महबूबा ने कहा, “भाजपा ने उमर को विदेश राज्य मंत्री बनाकर हर देश में सिर्फ यह संदेश देने के लिए भेजा कि जम्मू-कश्मीर कोई मुद्दा नहीं बल्कि आतंकवाद का मुद्दा है और इसे पाकिस्तान पर हमला करके सुलझाया जाना चाहिए। मुझे लगता है कि भाजपा को उमर का शुक्रिया अदा करना चाहिए जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में अपना एजेंडा लागू किया। भाजपा ने उमर का इस्तेमाल अपने हित के लिए किया।” उन्होंने दावा किया कि भाजपा तीन महीने तक पीडीपी के दरवाजे पर खड़ी रही और उनसे किसी भी शर्त पर सरकार बनाने की गुहार लगायी थी।
उन्होंने कहा , “हमने भाजपा के साथ कुछ शर्तों पर सरकार बनाई थी, जिसमें अनुच्छेद 370 को न छूना, पाकिस्तान के साथ सड़कें खोलना, सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम को समाप्त करना और कश्मीर में पाकिस्तान और हुर्रियत के लोगों से बातचीत करना शामिल है।” एक सवाल के जवाब में पीडीपी प्रमुख ने कहा , “मेरी राय में अगर अब्दुल्ला के परिवार ने पाकिस्तान के एजेंडे को लागू किया होता, तो जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा नहीं होता। यह या तो पाकिस्तान का हिस्सा होता या एक स्वतंत्र राज्य होता।”
नेशनल कांफ्रेन्स-कांग्रेस के घोषणापत्र के बारे में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री आसिफ ख्वाजा के बयान और वहां इसका जश्न मनाये जाने संबंधी प्रधानमंत्री के कथन के संदर्भ में मुफ्ती ने कहा, “मुझे लगता है कि भाजपा हर मोर्चे पर विफल रही है। भाजपा ने दावा किया था कि वे हर साल दो करोड़ नौकरियां देंगे, जो 10 साल में 10 करोड़ नौकरियां हो गयी। देश में हिंदू, मुस्लिम कार्ड खेलने, मुसलमानों की लिंचिंग और मस्जिदों को नष्ट करने के बाद अब भाजपा के लोग पाकिस्तान के बारे में बात कर रह हैं। यह उनकी विफलता ही है जो उन्हें कुछ भी बोलने के लिए मजबूर करती है।