एनपीएस वात्सल्य: बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने का शानदार मौका

सरकार कई ऐसी योजनाएं लेकर आती है, जिनमें निवेश कर आप अपने भविष्य को सुरक्षित बना सकते हैं। एक ऐसी योजना है ‘एनपीएस वात्सल्य’ स्कीम, जो खासतौर पर नाबालिग बच्चों के लिए शुरू की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जुलाई 2024 के केंद्रीय बजट में इस योजना की घोषणा की थी, और इसे देशभर के 75 स्थानों पर लागू किया गया है। अब तक 250 से अधिक PRAN (परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर) बच्चों को अलॉट किए जा चुके हैं।

एनपीएस वात्सल्य स्कीम क्या है?
यह योजना माता-पिता को यह अवसर देती है कि वे अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए बचत कर सकें। इस स्कीम में आप अपने बच्चे के नाम पर पेंशन अकाउंट खोल सकते हैं। एनपीएस वात्सल्य स्कीम में निवेश करना बेहद आसान है और यह काफी फ्लेक्सिबल विकल्प प्रदान करती है। आप इस स्कीम में सालाना केवल 1,000 रुपये से शुरुआत कर सकते हैं। इसके तहत आप ऑनलाइन, बैंक या पोस्ट ऑफिस के माध्यम से अकाउंट खोल सकते हैं।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस योजना को लॉन्च करते हुए कहा कि यह सभी नागरिकों के लिए एक लंबी अवधि की निवेश योजना है, जो न केवल ग्राहकों के भविष्य को सुरक्षित करेगी, बल्कि यह इक्विटी प्रिंसिपल पर भी आधारित है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि यह योजना युवाओं में भी बचत की आदत विकसित करेगी और कंपाउंड इंटरेस्ट के माध्यम से वे अच्छा पैसा बचा सकेंगे।

एनपीएस वात्सल्य का कैलकुलेशन
अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे के पास रिटायरमेंट (60 साल) तक 1 करोड़ रुपये जमा हो जाए, तो आपको केवल 275 रुपये प्रति माह या 3,300 रुपये सालाना निवेश करना होगा। मान लीजिए, यदि आप हर महीने 275 रुपये या सालाना 3,300 रुपये का निवेश करते हैं, तो 60 साल तक 10% ब्याज दर पर आपका कुल निवेश 1,98,000 रुपये होगा।

रिटर्न की बात करें तो, अगर आप इसी अमाउंट को लगातार निवेश करते हैं, तो 60 साल बाद 10% ब्याज दर से आपको कुल 98,17,198 रुपये का रिटर्न मिलेगा। इसका मतलब होगा कि आपके पास कुल 1,00,15,198 रुपये का कोष होगा।

एनपीएस वात्सल्य की खासियत
इस योजना में कोई भी नाबालिग, जिसके पास पैन कार्ड और आधार कार्ड हो और जिसकी आयु 18 वर्ष से कम हो, निवेश कर सकता है। इसमें आप सालाना 1000 रुपये से निवेश कर सकते हैं। माता-पिता या अभिभावक अपने बच्चों के लिए इसमें निवेश कर सकते हैं।

18 वर्ष की आयु के बाद, जरूरी केवाईसी डॉक्यूमेंट्स जमा करके नाबालिग का एनपीएस अकाउंट स्टैंडर्ड अकाउंट में बदल जाएगा। इसके अलावा, शिक्षा, गंभीर बीमारी और विकलांगता के लिए 3 साल के लॉक-इन पीरियड के बाद 25% तक अमाउंट निकाला जा सकता है।

यह भी पढ़ें:

ये 4 चीजें संतरा खाने के बाद कभी न खाएं , सेहत पर पड़ सकता है दुस्प्रभाव