उच्चतम न्यायालय केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दाखिल एक नई याचिका पर सुनवाई के लिए बुधवार को तैयार हो गया, जिसमें 2006 के सनसनीखेज निठारी हत्याकांड में आरोपी सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दी गई है।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने सीबीआई की अर्जी को उच्च न्यायालय के 16 अक्टूबर, 2023 के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में विचाराधीन अन्य याचिकाओं के साथ सूचीबद्ध कर दिया।
शीर्ष अदालत ने 19 जुलाई को उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर सीबीआई और उत्तर प्रदेश सरकार की अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सहमति जताई थी। उसने इन याचिकाओं पर कोली को नोटिस जारी कर उसका जवाब भी मांगा था।
मई में सर्वोच्च अदालत ने एक पीड़ित के पिता की उस याचिका पर सुनवाई करने की सहमति जताई थी, जिसमें निठारी कांड से जुड़े एक मामले में कोली को बरी करने के उच्च न्यायालय के निर्णय को चुनौती दी गई थी।
इस मामले में सत्र अदालत ने 28 सितंबर 2010 को सुनाए गए फैसले में मोनिंदर सिंह पंढेर को बरी कर दिया था, जबकि उसके नौकर कोली को मौत की सजा दी थी।
सत्र अदालत ने कहा था कि अभियोजन पक्ष अपराध साबित करने में नाकाम रहा और जांच “खराब तरीके से” हुई।
कोली को 12 मामलों और पंढेर को दो मामलों में सुनाई गई मौत की सजा को पलटते हुए उच्च न्यायालय ने कहा था कि अभियोजन पक्ष “परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर मामले के तय मानदंडों पर” दोनों आरोपियों का अपराध साबित करने में नाकाम रहा और जांच “जिम्मेदार एजेंसियों द्वारा जनता के भरोसे के साथ विश्वासघात से कम नहीं थी।”
पंढेर और कोली को हत्या एवं बलात्कार का दोषी करार देते हुए सजा सुनाई गई थी।
उच्च न्यायालय ने कोली और पंढेर की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई की सहमति जताई थी, जिसमें उन्होंने गाजियाबाद में विशेष सीबीआई अदालत द्वारा दी गई मौत की सजा को चुनौती दी थी।
पंढेर और कोली के खिलाफ 2007 में कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे। सबूतों की कमी के कारण सीबीआई ने तीन मामलों में ‘क्लोजर रिपोर्ट’ दायर की थी। बाकी 16 मामलों में से कोली को शुरू में तीन में बरी कर दिया गया था और एक में उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था।
नोएडा के निठारी इलाके में पंढेर के घर के पीछे एक नाले से 29 दिसंबर, 2006 को आठ बच्चों के कंकाल मिलने से इस सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ था।
घर के आसपास के क्षेत्र में खुदाई और नालों में तलाश के दौरान कई और अधिक कंकाल बरामद हुए थे। इनमें से अधिकतर अवशेष गरीब बच्चों और युवतियों के थे, जो इलाके से लापता हो गए थे।
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