बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ आ गया है। देश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने घोषणा की है कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और उनकी पार्टी अवामी लीग पर चुनाव लड़ने की कोई रोक नहीं होगी।
यूनुस का ‘नया प्रस्ताव’ – छूट या सियासी चाल?
✅ शेख हसीना और अवामी लीग को चुनाव में भाग लेने की अनुमति।
✅ अन्य पार्टियों की तरह अवामी लीग को भी समान सुविधाएं देने का वादा।
✅ लेकिन हसीना पर लगे पुराने और नए मामलों की जांच जारी रहेगी।
यूनुस सरकार का यह प्रस्ताव पहली नजर में लोकतांत्रिक और निष्पक्ष चुनाव का संकेत देता है, लेकिन इसे एक राजनीतिक जाल के रूप में भी देखा जा रहा है।
भारत में रह रही हैं शेख हसीना
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना अगस्त 2024 से भारत में हैं।
उनके खिलाफ देश में कई कानूनी मामले दर्ज हैं, और तख्तापलट के बाद उन्होंने निर्वासन का रास्ता चुना।
बीएनपी (बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी) और अन्य विरोधी दलों ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की कोशिश की थी।
यूनुस सरकार की ‘रणनीति’ – हसीना को फंसाने की साजिश?
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यूनुस सरकार का यह प्रस्ताव हसीना को वापस बुलाने की एक सोची-समझी चाल हो सकता है।
🤔 अगर हसीना चुनाव लड़ने के लिए लौटती हैं, तो क्या उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा?
🤔 क्या चुनाव लड़ने की छूट केवल एक दिखावा है?
🤔 यूनुस सरकार हसीना पर कानूनी शिकंजा कसकर उन्हें सियासत से बाहर करने की तैयारी में है?
हसीना का अगला कदम क्या होगा?
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या शेख हसीना इस प्रस्ताव को स्वीकार करेंगी?
अगर वह बांग्लादेश लौटती हैं, तो क्या चुनाव निष्पक्ष होगा या यह उनके खिलाफ एक ‘पॉलिटिकल ट्रैप’ साबित होगा?
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