भारत में वेतन संरचना में बड़ा बदलाव आने की संभावना है। कंपनियां अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से सैलरी तय करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले 2-3 वर्षों में कई कंपनियां AI-आधारित मॉडल अपनाकर वेतन निर्धारण प्रक्रिया को तेज, पारदर्शी और प्रभावी बनाएंगी।
AI और मशीन लर्निंग वेतन प्रबंधन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रहे हैं। ये तकनीकें डेटा-आधारित विश्लेषण और सटीक पूर्वानुमान देकर वर्कफोर्स प्लानिंग को अधिक स्मार्ट बना रही हैं।
कैसे करेगा AI सैलरी तय?
अब कंपनियां पारंपरिक वेतन प्रणाली से हटकर AI-आधारित वेतन निर्धारण को प्राथमिकता दे रही हैं।
🔹 सटीक और पारदर्शी वेतन निर्धारण: AI कर्मचारियों की परफॉर्मेंस, स्किल सेट, इंडस्ट्री ट्रेंड और कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति का विश्लेषण कर वेतन तय करेगा।
🔹 बेहतर टैलेंट रिटेंशन: कंपनियों के लिए योग्य उम्मीदवारों को आकर्षित करना और बनाए रखना आसान होगा।
🔹 वेतन बेंचमार्किंग: AI सुनिश्चित करेगा कि वेतन प्रतिस्पर्धी बना रहे, ताकि कर्मचारी बेहतर ऑफर्स के लिए कंपनी न छोड़ें।
EY की रिपोर्ट के अनुसार, 2028 तक वेतन और बोनस निर्धारण में AI की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
किस सेक्टर में होगी सबसे ज्यादा सैलरी ग्रोथ?
2025 में कुछ क्षेत्रों में वेतन वृद्धि के अहम आंकड़े सामने आए हैं:
📈 ई-कॉमर्स सेक्टर – 10.5% तक सैलरी बढ़ने की उम्मीद
📈 फाइनेंशियल सर्विसेज – 10.3% वृद्धि की संभावना
📈 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) – 10.2% बढ़ोतरी
📈 आईटी सेक्टर – 9.6% तक सैलरी हाइक
📈 आईटी-इनेबल्ड सर्विसेज – 9% बढ़ोतरी
कंपनियों के लिए क्या है खास?
💼 AI वेतन का संतुलन बनाए रखेगा: कंपनियां न ज्यादा सैलरी देंगी, न ही टैलेंट को खोने देंगी।
📉 एट्रिशन रेट में गिरावट: 2023 में 18.3% नौकरी छोड़ने की दर 2024 में घटकर 17.5% हो गई।
विशेषज्ञों का मानना है कि AI के जरिए कंपनियां वेतन संरचना को अधिक प्रभावी बना सकेंगी, जिससे न केवल कर्मचारियों को फायदा होगा, बल्कि कंपनियों की आर्थिक स्थिरता भी बनी रहेगी।
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