पेट्रोल-डीजल से लेकर कई जरूरी सामानों के लिए नेपाल भारत पर निर्भर है, लेकिन भारत का अब यही पड़ोसी उसे ही चुनौती देने का काम रहा है. हांगकांग और सिंगापुर ने भारत के कुछ मसाला ब्रांड पर बैन लगा दिया था, क्योंकि उनमें एथिलीन ऑक्साइड नाम के कीटनाशक की मौजूदगी पाई गई थी. अब नेपाल ने भी भारतीय मसालों की क्वालिटी को लेकर यहां की कंपनियों के कुछ प्रोडक्ट को बैन कर दिया है.
नेपाल ने भारत से भेजे जाने वाले कुछ मसाला प्रोडक्ट के ना सिर्फ इंपोर्ट को रोका है. बल्कि अपने देश के भीतर उनकी सेल पर भी बैन लगाया है. नेपाल के फूड टेक्नोलॉजी एवं क्वालिटी कंट्रोल डिपार्टमेंट ने इस बारे में गाइडलाइंस जारी की हैं. भारतीय कंपनियों के कुछ मसाला ब्रांड्स में एथिलीन ऑक्साइड या ईटीओ विकार की मौजूदगी एक बड़ा मामला बनता जा रहा है. हांगकांग और सिंगापुर के बैन के बाद शुक्रवार को नेपाल ने भी भारत की दो मसाला कंपनियों के 4 प्रोडक्ट के इंपोर्ट पर बैन लगा दिया है. इनमें मद्रास करी पाउडर, सांभर मसाला पाउडर और मिक्स मसाला करी पाउडर के साथ-साथ फिश करी मसाला जैसे प्रोडक्ट शामिल हैं.
नेपाल के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने अपने बयान में कहा है कि इन 4 प्रोडक्ट में निर्धारित सीमा से अधिक एथिलीन ऑक्साइड पाया गया है. इसलिए फूड रेग्युलेशन-2027 बीएस के आर्टिकल-19 के तहत देश के भीतर इन प्रोडक्ट के इंपोर्ट और सेल पर बैन लगा दिया गया है. नेपाल की फूड क्वालिटी कंट्रोल इकाइयों ने इंपोर्टर्स और ट्रेडर्स से इन प्रोडक्ट्स को वापस लेने के लिए भी कहा है.
हांगकांग और सिंगापुर के बैन लगाने के बाद भारत के फूड सेफ्टी रेग्युलेटर FSSAI ने इस पूरे प्रकरण की गहन जांच-पड़ताल शुरू की है. वहीं भारत में मसालों के कारोबार की निगरानी करने वाले ‘भारतीय मसाला बोर्ड’ ने कुछ कंपनियों के प्रोडक्ट को बिना जांच निर्यात करने से मना कर दिया है. हालांकि जिन कंपनियों के प्रोडक्ट पर बैन लगा है, उनका कहना है कि उनके उत्पाद पूरी तरह मानकों के अनुरूप हैं.
भारत दुनिया का सबसे बड़ा मसाला एक्सपोर्ट है. ईटीओ के मुद्दे पर भारत को यूरोपीय यूनियन के प्रतिबंधों का भी सामना करना पड़ रहा है. वहीं पिछले महीने सिंगापुर और हांगकांग ने एथिलीन ऑक्साइड की मौजूदगी के चलते इंडियन मसाला प्रोडक्ट्स को बैन कर दिया था. उनका कहना है कि इसे कैंसर होने का खतरा है.