कम उम्र में महिलाओं में रसौली (या गर्भाशय की गांठ) की समस्या कई कारणों से हो सकता है। यह गांठें आमतौर पर गर्भाशय के आवरण में विकसित होती हैं और प्रभावित क्षेत्र में अधिकतर महिलाओं में दर्द और असामान्य रक्तस्राव के कारण पहचानी जा सकती हैं।
कुछ सामान्य कारण और लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
हार्मोनल परिवर्तन: हार्मोनल परिवर्तन, जैसे कि पबर्टी, गर्भावस्था, और मेनोपॉज, रसौली के विकास में मदद कर सकते हैं।
इंफेक्शन या संक्रमण: गर्भाशय की संक्रमण, जैसे कि पेल्विक इन्फेक्शन, रसौली के विकास का कारण बन सकते हैं।
अनियमित मासिक धर्म: अनियमित मासिक धर्म, जो अधिकतर हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है, भी गर्भाशय की गांठों का कारण बन सकता है।
उम्र: कुछ महिलाओं में बचपन से ही रसौली की समस्या हो सकती है, जो उम्र के साथ बढ़ सकती है।
रसौली के लक्षणों में पेट के निचले भाग में दर्द, असामान्य रक्तस्राव, और पेट की गांठों का अहसास शामिल हो सकता है।
रसौली के बचाव के लिए, निम्नलिखित कदम उपयुक्त हो सकते हैं:
नियमित चेकअप: नियमित चेकअप के लिए अपने गाइनीकोलॉजिस्ट से मिलें और आपकी स्थिति की निगरानी करें।
स्वस्थ जीवनशैली: स्वस्थ खानपान और नियमित व्यायाम के लिए प्रयास करें, जो हार्मोनल संतुलन को बढ़ावा देता है।
दवाओं का सेवन: अपने डॉक्टर द्वारा परामर्श के बाद, आवश्यकता के अनुसार किसी दवा का सेवन करें।
चिकित्सा उपचार: बड़ी रसौलीयां जो समस्याएँ पैदा कर सकती हैं, जैसे कि बहुगोलीय रसौली, सर्जरी द्वारा निकाली जा सकती हैं।
रसौली की समस्या का समय पर पता चलना और उपचार करना महत्वपूर्ण है, इसलिए जब भी आपको इस तरह के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत अपने डॉक्टर से परामर्श करें।