राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने सिस्का एलईडी लाइट्स के परिचालन ऋणदाता सनस्टार इंडस्ट्रीज की याचिका स्वीकार करते हुए कंपनी के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने का निर्देश दिया है।
पुणे स्थित एसएसके समूह की इकाई सिस्का एलईडी लाइट्स, एलईडी लाइट, पर्सनल केयर उपकरण, मोबाइल एक्सेसरीज, घरेलू उपकरण तथा स्मार्ट घड़ियों जैसे क्षेत्रों में है।
एनसीएलटी की मुंबई पीठ ने सनस्टार इंडस्ट्रीज द्वारा दायर उस याचिका को स्वीकार कर लिया जिसमें 7.70 करोड़ रुपये के कुल बकाये का दावा किया गया था।
पीठ ने दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के प्रावधानों के तहत सिस्का एलईडी लाइट्स के निदेशक मंडल को निलंबित करते हुए देबाशीष नंदा को अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया है।
एनसीएलटी ने सिस्का एलईडी लाइट्स के इस मामले में दावों को खारिज करते हुए कहा कि संबंधित पक्षों के बीच ई-मेल के आदान-प्रदान से पता चलता है कि परिचालन ऋणदाता के प्रति कंपनी की देयता बनती है।
पीठ ने कहा, ‘‘ हमारा यह मत है कि आवेदक परिचालन ऋण के अस्तित्व तथा कॉरपोरेट देनदार की ओर से इसकी चूक साबित करने में सफल रहा। साथ ही आवेदन समयसीमा के भीतर दायर किया गया है।’’
दो सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को पारित अपने आदेश में कहा, ‘‘ तदनुसार, हम मानते हैं कि यह संहिता की धारा 9 के तहत उपयुक्त मामला है।’’
इससे पहले, एनसीएलटी ने कुछ अन्य परिचालन ऋणदाताओं द्वारा दायर याचिका पर सिस्का एलईडी लाइट्य के खिलाफ कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) शुरू करने का भी निर्देश दिया था। हालांकि, समझौता होने के बाद मई, 2024 में इसे वापस ले लिया गया था।
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