आजकल दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह है हमारी खराब लाइफस्टाइल और खाने की गलत आदतें, जिनसे हमारी धमनियों (आर्टरी) में रुकावटें पैदा होती हैं। ज़्यादा फैटी फूड और ट्रांस फैट खाने से आर्टरी सख्त हो जाती हैं और ब्लॉकेज का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन राहत की बात ये है कि योग के जरिए इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
अलग-अलग रिसर्च में यह साबित हुआ है कि योग डिप्रेशन, हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी बीमारियों से राहत दिलाने में मददगार है। हाल ही में एम्स, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, एसडीएम कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (धारवाड़) और लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के रिसर्चर्स ने मिलकर एक स्टडी की, जिसमें पाया गया कि योग आर्टरी के एंडोथेलियल (धमनियों की भीतरी परत) को सुधारने में कारगर है।
📊 क्या कहती है स्टडी?
यह स्टडी इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल Journal International Preparative and Complementary Medicine में प्रकाशित हुई। इसमें भारत और अमेरिका समेत 1043 लोगों पर 18 रिसर्च का विश्लेषण किया गया।
एंडोथेलियल हमारे शरीर की धमनियों और नसों की एक भीतरी परत है, जो शरीर के हर हिस्से तक खून पहुंचाने में मदद करती है। जब इसमें खराबी आती है, तो नसें संकरी होने लगती हैं और ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
स्टडी में हार्ट अटैक के मरीजों और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को 6 से 52 हफ्तों तक रोज़ 40-120 मिनट योग कराया गया। जांच में पाया गया कि उनकी धमनियों का फैलाव बेहतर हुआ और ब्लॉकेज की समस्या में सुधार दिखा।
⏳ 12 हफ्तों से ज्यादा योग के बड़े फायदे
जिन लोगों ने 12 हफ्तों से ज्यादा योग किया, उनकी एंडोथेलियल कार्य क्षमता में 77% तक सुधार हुआ। रिसर्च में बताया गया कि योग नसों में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है, जिससे ब्लॉकेज की शुरुआत रुक सकती है।
🧘♂️ कौन-कौन से योग थे शामिल?
सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, शवासन, भुजंगासन, सेतुबंध सर्वांगासन, ताड़ासन, त्रिकोणासन, जानु शीर्षासन, वज्रासन, नौकासन, मर्कटासन, नेती क्रिया और हठ योग — ये सभी आसन इस स्टडी में कराए गए।
इसके अलावा, 5000 हार्ट अटैक के मरीजों पर की गई एक और रिसर्च में पाया गया कि योग के जरिए लोग जल्दी रिकवर होकर काम पर लौट सके।
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