मुलेठी, जिसे “Glycyrrhiza glabra” भी कहा जाता है, सदियों से अपनी औषधीय गुणों के लिए जानी जाती रही है।यह एक जड़ी बूटी है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है, जिनमें पाचन संबंधी विकार, गठिया, खांसी, और सर्दी शामिल हैं।आज उहम आपको बताएँगे मुलेठी के फायदे।
मुलेठी के फायदे:
- पाचन में सुधार करता है: मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-स्पाज्मोडिक गुण होते हैं जो पाचन तंत्र को शांत करने और अपच, पेट फूलना और गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
- गठिया में दर्द और सूजन को कम करता है: मुलेठी में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया के लक्षणों, जैसे दर्द, सूजन और अकड़न को कम करने में मदद करते हैं।
- खांसी और सर्दी से राहत दिलाता है: मुलेठी में एंटी-एलर्जिक और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो खांसी और सर्दी के लक्षणों, जैसे गले में खराश, बलगम और खांसी से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है: मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने और संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
- मुंह के छालों का इलाज करता है: मुलेठी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल गुण होते हैं जो मुंह के छालों को ठीक करने और उनसे जुड़ी जलन और दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
मुलेठी का उपयोग कैसे करें:
मुलेठी का उपयोग विभिन्न रूपों में किया जा सकता है, जैसे:
- चाय: 1 चम्मच मुलेठी पाउडर को 1 कप गर्म पानी में मिलाकर 5-10 मिनट तक उबालें। छानकर दिन में 2-3 बार पीएं।
- कैप्सूल: मुलेठी सप्लीमेंट के रूप में कैप्सूल में भी उपलब्ध है। डॉक्टर द्वारा बताई गई खुराक लें।
- पाउडर: मुलेठी पाउडर को दूध या शहद में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
- टॉफी: मुलेठी की टॉफी भी उपलब्ध हैं, जो इसका सेवन करने का एक स्वादिष्ट तरीका है।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- यदि आपको उच्च रक्तचाप, मधुमेह या यकृत रोग है, तो मुलेठी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
- गर्भवती या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मुलेठी का सेवन नहीं करना चाहिए।
- यदि आपको एलर्जी है, तो मुलेठी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है और इसे चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
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