देश के लिए पैसे जेनरेट करने पर है मुकेश अंबानी का ध्यान, जानिये कैसे

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन और उद्योगपति मुकेश अंबानी ने गुरुवार को कहा कि उनका तेल से लेकर टेलीकॉम तक का कारोबार करने वाला ग्रुप शॉर्ट टर्म प्रॉफिट कमाने और संपत्ति जमा करने के कारोबार में नहीं है, बल्कि उसका ध्यान देश के लिए धन पैदा करने पर है। खबर के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयरधारकों की 47वीं सालाना आम बैठक में उन्होंने कहा कि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के सभी कारोबार भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने वाले प्रमुख कंडक्टर बने हुए हैं और सफलता की गाथा बन गए हैं।

खबर के मुताबिक, मुकेश अंबानी ने कहा कि हम कम अवधि में लाभ कमाने और पैसे जमा करने के कारोबार में नहीं हैं। हम भारत के लिए पैसे जेनरेट करने के कारोबार में हैं। अंबानी ने कहा कि हम हाई क्लालिटी प्रोडक्ट्स और सर्विसेस उपलब्ध करने के कारोबार में हैं, जो भारतीय उपभोक्ताओं के लिए दक्षता, उत्पादकता और जीवन को आसान बनाते हैं। हमारा लक्ष्य देश को पावर सेफ्टी उपलब्ध करना और आने वाली पीढ़ियों के लिए दुनिया को अधिक स्वच्छ और ग्रीन बनाना है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अंबानी ने कहा कि कंपनी का निदेशक मंडल पांच सितंबर को 1:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने पर विचार करने के लिए बैठक करेगा। उन्होंने कहा कि जब रिलायंस बढ़ता है, तो हम अपने शेयरधारकों को अच्छा इनाम देते हैं। अंबानी ने साथ ही कहा कि एडवांस टेक्नोलॉजी और एडवांस मैनुफैक्चरिंग को रणनीतिक रूप से अपनाने से रिलायंस निकट भविष्य में दुनिया की टॉप-30 कंपनियों में अपना स्थान सुरक्षित कर लेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य अतीत की तुलना में कहीं अधिक उज्ज्वल है।

अंबानी ने कहा कि रिलायंस ने वित्त वर्ष 2023-24 में शोध और विकास पर 3,643 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, जिससे पिछले चार सालों में शोध पर हमारा खर्च 11,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। हमारे सभी व्यवसायों में महत्वपूर्ण शोध परियोजनाओं पर 1,000 से अधिक वैज्ञानिक और शोधकर्ता काम कर रहे हैं। मानव जाति के विकास में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को संभवतः सबसे बड़ा परिवर्तनकारी घटक बताते हुए अंबानी ने कहा कि इसने लोगों के समक्ष आने वाली अनेक जटिल समस्याओं के समाधान के अवसर खोले हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि साथ ही वैश्विक स्तर पर जारी संघर्ष वैश्विक शांति, स्थिरता और यहां तक ​​कि राष्ट्रों की अर्थव्यवस्थाओं के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।

अंबानी ने कहा कि जनसंख्या संबंधी लाभ और अपेक्षाकृत कम ऋण बोझ के साथ, भारत दुनिया के लिए सबसे बड़े विकास इंजनों में से एक है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष का अनुमान है कि 2027 तक भारत जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर उतार-चढ़ाव के बावजूद, भारत दुनिया के लिए आकर्षक स्थल बना हुआ है। अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, सशक्त आबादी, बढ़ती आर्थिक शक्ति और शांति की सदियों पुरानी वकालत के साथ, हमारा देश दुनिया को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।