दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम मोदी पर आरोप लगाया था कि ‘पीएम मोदी तय करते हैं कि कौन जेल जाएगा’। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू के दौरान इसके जवाब में कहा की , ‘बेहतर होगा कि ये लोग संविधान पढ़ लें, देश के कानून पढ़ लें, मुझे किसी को कुछ कहने की जरूरत नहीं है।’
पीएम मोदी देशवासियों को आगाह करना चाहते है ऐसा उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बोल जिसमें उन्होंने कहा ‘वह एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग को अलर्ट करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें अंधेरे में रखकर उनके आरक्षण को लूटा जा रहा है।’ सभी जगह चुनाव का माहौल है। यह ऐसा समय है, जब मुझे देशवासियों को इस सबसे बड़े खतरे को लेकर आगाह करना चाहिए। मैं लोगों को यह समझाना चाहता हूं कि भारत के संविधान की मूल भावना का उल्लंघन के साथ साथव्ये सबकुछ वोटबैंक की राजनीति के लिए किया जा रहा है।जो लोग आज खुद को दलितों और आदिवासियों का हितैषी बता रहे हैं, देखा जाए तो वही दुश्मन हैं। आप देख सकते है उनका घोषणापत्र मुस्लिम लीग को दर्शा रहा है। वोटबैंक की राजनीति की वजह से आने वाली पीढ़ियों बर्बाद हो जाएंगी।
ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द करने की बात पर मोदी जी ने कहा की बंगाल हाईकोर्ट द्वारा साल 2010 के बाद जारी किए गए सभी ओबीसी सर्टिफिकेट रद्द करने के फैसले पर पीएम मोदी ने कहा ‘उनके पास इसको लेकर पहले से तय एक कार्यप्रणाली है। उन्होंने इसे पहले आंध्र प्रदेश में कानून बनाया। इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। संविधान में इसकी इजाजत नहीं देता है। इन लोगों ने अपने रातों-रात मुस्लिमों को ओबीसी बना दिया और जो लोग ओबीसी है उनके अधिकार को छीन लिया। जब हाई कोर्ट का फैसला आने के बाद साफ हो गया ये सब फर्जीवाड़ा है, अब वो लोग वोटबैंक की राजनीति के लिए, न्यायपालिका का भी दुरुपयोग कर रहे हैं।
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