प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में ग्लोबल फिनटेक फेस्ट (जीएफएफ) को संबोधित करते हुए संकेत दिए कि उनका इरादा लंबे समय तक सत्ता में बने रहने का है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा, “यह पांचवां ग्लोबल फिनटेक फेस्ट है। मैं दसवें फिनटेक फेस्ट को संबोधित करने के लिए भी यहां आऊंगा।”
प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम भारत के लोगों को गुणवत्तापूर्ण जीवनशैली प्रदान करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा, “मुझे विश्वास है कि भारत का फिनटेक इकोसिस्टम पूरी दुनिया के जीवन को आसान बनाएगा। हमारा सर्वश्रेष्ठ आना अभी बाकी है।”
देश में फिनटेक उद्योग द्वारा लाए गए बदलावों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसने न केवल भारत के तकनीकी मोर्चे को बदल दिया गया है, बल्कि शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को पाटकर व्यापक सामाजिक प्रभाव भी डाला है। मोदी ने आगे बताया कि वही बैंकिंग सेवाएं जो पहले पूरा दिन ले लेती थीं और किसानों और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए बाधाएं पैदा करती थीं, अब फिनटेक की मदद से मोबाइल फोन पर आसानी से उपलब्ध हैं।
वित्तीय सेवाओं के लोकतंत्रीकरण में फिनटेक की भूमिका को रेखांकित करते हुए प्रधानमंत्री ने आसानी से उपलब्ध ऋण, क्रेडिट कार्ड, निवेश और बीमा के उदाहरण दिए। उन्होंने कहा कि फिनटेक ने ऋण तक पहुंच को आसान और समावेशी बना दिया है। उन्होंने पीएम स्वनिधि योजना का उदाहरण दिया, जिसने स्ट्रीट वेंडर्स को बिना किसी जमानत के ऋण प्राप्त करने और डिजिटल लेनदेन की मदद से अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाया है। उन्होंने शेयर बाजारों और म्यूचुअल फंड, निवेश रिपोर्ट और डीमैट खाते खोलने की आसान पहुंच का भी उल्लेख किया। डिजिटल इंडिया के उदय का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं, डिजिटल शिक्षा और कौशल सीखने जैसी सेवाएं फिनटेक के बिना संभव नहीं होंगी। मोदी ने कहा, “भारत की फिनटेक क्रांति जीवन की गरिमा और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा रही है।”
उन्होंने कहा कि मुझे देश के फिनटेक इकोसिस्टम पर भरोसा है और यह भारतीयों को गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करेगा। उन्होंने भारत में फिनटेक क्षेत्र की महत्वपूर्ण वृद्धि पर प्रकाश डाला। प्रधानमंत्री ने कहा, “पिछले 10 साल में फिनटेक स्पेस में 31 बिलियन डॉलर से ज्यादा का निवेश हुआ है। 10 साल में हमारे फिनटेक स्टार्टअप में 500 प्रतिशत वृद्धि हुई है।”
कोरोना के दौरान पूरे वर्ष 24×7 बैंकिंग सेवाएं प्रदान करने के लिए फिनटेक स्टार्टअप्स को श्रेय देते हुए मोदी ने उनसे आग्रह किया कि वे पूरी दुनिया को अधिक आसानी से व्यापार करने में मदद करें और इस प्रकार पूरी दुनिया को बेहतर जीवन जीने में मदद करें।
मोदी ने फिनटेक क्रांति की सराहना करते हुए कहा कि इसने न केवल अधिक लोगों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में लाया है, बल्कि लोगों के लिए सम्मान और जीवन की गुणवत्ता में भी वृद्धि की है। उन्होंने पारंपरिक मुद्रा से लेकर आधुनिक क्यूआर कोड तक की प्रगति पर जोर दिया और इस प्रगति का श्रेय तकनीकी नवोन्मेषकों के काम को दिया।
उन्होंने महामारी के दौरान भी निर्बाध बैंकिंग सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए इस क्षेत्र की सराहना करते हुए कहा कि यूपीआई हमारी फिनटेक क्षमता का वैश्विक प्रमाण बनकर उभरा है। कोरोना के इतने बड़े संकट के दौरान भी भारत दुनिया के उन देशों में था, जहां हमारी बैंकिंग सेवाएं बिना किसी दिक्कत के चलती रहीं।
प्रधानमंत्री ने माइक्रो फाइनांस की ‘मुद्रा लोन योजना’ का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के अंतर्गत अब तक 27 ट्रिलियन रुपये का ऋण वितरित किया जा चुका है। इस योजना के लाभार्थियों में लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं हैं।
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