केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसान हितैषी हैं और कृषि तथा किसान कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। श्री चौहान ने यहां कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के हित में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि किसान हितैषी मोदी सरकार ने किसानों के हित में निर्णय लेते हुए खाद्य तेलों के आयात शुल्क को शून्य से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है।
अन्य मदों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5 प्रतिशत हो जाएगा। इस कदम से सभी तिलहन किसानों ख़ासतौर से सोयाबीन और मूँगफली के किसानों को अच्छे भाव मिलेंगे जिनकी फसल अभी बाज़ार में आने वाली है। साथ ही रबी में तिलहन की बुवाई में बढ़ोतरी होगी और सरसों की फसल के भी अच्छे दाम मिल पायेंगे। श्री चौहान ने कहा कि इस निर्णय से सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा और उसका निर्यात हो सकेगा। साथ ही, सोया से जुड़े अन्य क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि किसान कल्याण के प्रति संवेदनशील मोदी सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय भी लिया है।
निर्यात शुल्क के हट जाने से बासमती उत्पादक किसानों को अपनी उपज के उचित दाम मिलेंगे और बासमती चावल की मांग बढ़ने के साथ ही निर्यात में भी वृद्धि होगी। किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने रिफाइन ऑयल के लिए मूल शुल्क को 32.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढेगी। श्री चौहान ने कहा कि किसानों को इन फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे। साथ ही, छोटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिफाइनरी बढ़ने से वहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने प्याज के निर्यात शुल्क को 40 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत कर दिया है। निर्यात शुल्क के कम हो जाने से प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा।
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