आकाश आनंद को मायावती ने दिखाया बाहर का रास्ता, BSP में उथल-पुथल

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटाकर बाहर कर दिया है। इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इस मुद्दे पर राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (RSSP) के प्रमुख स्वामी प्रसाद मौर्य ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर मायावती बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के सामाजिक आंदोलन के रास्ते पर चलतीं, तो आज प्रधानमंत्री पद की दावेदार होतीं। लेकिन अब उनकी पार्टी एक-एक विधायक के लिए संघर्ष कर रही है।

स्वामी प्रसाद मौर्य का कटाक्ष
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मायावती BSP की राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, इसलिए यह तय करना उनका अधिकार है कि पार्टी में किसे कौन-सी जिम्मेदारी दी जाए। उन्होंने आगे कहा कि आकाश आनंद को पहले भी पार्टी की जिम्मेदारियों से मुक्त किया गया था, फिर दोबारा शामिल किया गया, और अब फिर से निष्कासित कर दिया गया। यह मायावती का आंतरिक मामला है, लेकिन पार्टी अब बाबा साहब के मिशन से भटक चुकी है।

कांग्रेस ने भी किया हमला
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांशीराम जी ने जिस पार्टी को संघर्ष से खड़ा किया था, वह अब पारिवारिक विवादों में उलझ गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में दलितों पर अत्याचार बढ़ रहे हैं, लेकिन बसपा इसके खिलाफ आवाज नहीं उठा रही है।

मायावती का बयान – आकाश आनंद ने नहीं दिखाई परिपक्वता
मायावती ने 3 मार्च को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर आकाश आनंद के निष्कासन की घोषणा की। उन्होंने लिखा कि पार्टी ने आकाश आनंद को उनके ससुर डॉक्टर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में रहने के कारण राष्ट्रीय समन्वयक समेत सभी पदों से हटा दिया था। लेकिन आकाश ने इस परिपक्वता नहीं दिखाई और अपनी प्रतिक्रिया में पछतावे की बजाय अपने ससुर का अहंकारी प्रभाव दिखाया।

बसपा में उथल-पुथल जारी
मायावती के इस कड़े फैसले के बाद पार्टी में अंदरूनी खींचतान और असंतोष की चर्चाएं तेज हो गई हैं। क्या यह फैसला बसपा की रणनीति का हिस्सा है या पार्टी में टूट-फूट का संकेत? आने वाले दिनों में इस पर और सियासी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल सकती हैं।

यह भी पढ़ें:

RPF SI भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी, यहां देखें अपना स्कोर