पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि वह ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के साथ मौजूदा तनाव पर देश को जानकारी देने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दों पर केंद्र सरकार के हर कदम के साथ खड़ी है।
शुक्रवार को ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“दुनिया भर में बहुपक्षीय प्रतिनिधिमंडलों को भेजना एक सराहनीय कदम है। आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भारत के पक्ष में लाना एक सकारात्मक पहल है। देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए केंद्र जो भी निर्णय लेगा, हम उसका समर्थन करेंगे।”
“लोगों को जानने का अधिकार है” – ममता का केंद्र से आग्रह
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से अपील की कि प्रतिनिधिमंडलों की वापसी के बाद संसद का विशेष सत्र बुलाया जाए ताकि जनता को देश की सुरक्षा स्थिति और हालिया घटनाक्रमों की पारदर्शी जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा,
“देश की जनता को यह जानने का पूरा अधिकार है कि सीमा पर क्या हो रहा है, और सरकार ने क्या कदम उठाए हैं।”
ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद की घटनाएं
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगांव में हुए आतंकवादी हमले में 26 नागरिकों की हत्या के बाद भारत सरकार ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत पाकिस्तान और पीओके (पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर) में आतंकवादी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई की।
भारत ने स्पष्ट किया कि यह हमला केवल आतंकी शिविरों को निशाना बनाकर किया गया, न कि पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों को।
इस जवाबी हमले के बाद पाकिस्तान ने बिना किसी उकसावे के सीमा पार गोलाबारी शुरू कर दी और मिसाइलें दागीं। भारतीय सेना ने हर हमले को नाकाम किया। 10 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ की बातचीत में युद्धविराम पर सहमति बनी।
प्रतिनिधिमंडल भेजने की पहल को ममता का समर्थन
भारत सरकार ने आतंकवाद और सुरक्षा मुद्दों पर वैश्विक समर्थन हासिल करने के लिए 7 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया है। इन प्रतिनिधिमंडलों में भारत के विभिन्न दलों के नेता शामिल हैं।
तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी को भी जापान सहित पांच एशियाई देशों के दौरे पर भेजा गया है।
शुरुआत में केंद्र ने यूसुफ पठान को प्रतिनिधिमंडल में शामिल किया था, लेकिन बाद में ममता बनर्जी ने उनके स्थान पर अभिषेक बनर्जी का नाम प्रस्तावित किया जिसे केंद्र ने स्वीकार कर लिया।
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