महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड ने मंगलवार को भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच को किए गए भुगतान पर हितों के टकराव के आरोपों का खंडन किया और कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को ‘‘झूठा तथा भ्रमित करने वाला’’ करार दिया।
कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि माधबी पुरी बुच के सेबी प्रमुख नियुक्त होने से करीब तीन साल पहले धवल बुच महिंद्रा समूह में शामिल हुए थे।
कंपनी ने कहा, ‘‘यह मुआवजा विशेष रूप से और केवल बुच की आपूर्ति श्रृंखला विशेषज्ञता और प्रबंधन कौशल के लिए दिया गया है, जो यूनिलीवर में उनके वैश्विक अनुभव पर आधारित है।’’
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा दी गई मंजूरी पर कांग्रेस के आरोपों का उल्लेख करते हुए कंपनी ने कहा, ‘‘आरोपों में संदर्भित सेबी के पांच आदेशों या अनुमोदनों में से कोई भी प्रासंगिक नहीं है।’’
कंपनी सूचना के अनुसार, ‘‘सेबी के पांच में से तीन अनुमोदन या आदेश कंपनी या उसकी किसी अनुषंगी कंपनी से संबंधित नहीं हैं।’’
एमएंडएम ने कहा, ‘‘एक फास्ट-ट्रैक राइट्स इश्यू था जिसके लिए सेबी से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं थी। दूसरा मार्च 2018 में जारी किया गया आदेश था, जो धवल के महिंद्रा समूह के साथ काम करना शुरू करने से काफी पहले था।’’
कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की ‘अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी में उस समय 99 प्रतिशत हिस्सेदारी थी जब यह परामर्शदाता कंपनी ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ समूह को सेवा प्रदान कर रही थी।
मुख्य विपक्षी दल ने यह दावा भी किया कि माधबी के सेबी की पूर्णकालिक सदस्य रहते उनके पति धवल बुच को साल 2019-21 के बीच महिंद्रा एंड महिंद्रा से 4.78 करोड़ रुपये मिले।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को माधबी की इस हिस्सेदारी के बारे में जानकारी थी?
रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘व्यक्तिगत लाभ से प्रेरित निर्णयों के संदर्भ में यह हैं हमारे ताज़ा खुलासे जिसमें अदाणी समूह द्वारा किए गए प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन की जांच कर रही सेबी प्रमुख ख़ुद सवालों के घेरे में हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे सवाल स्पष्ट रूप से ‘नॉन बायोलॉजिकल’ प्रधानमंत्री से हैं जिन्होंने उन्हें सेबी के सर्वोच्च पद पर नियुक्त किया है।’’
रमेश ने सवाल किया, ‘‘क्या प्रधानमंत्री को पता है कि माधबी पुरी बुच के पास अगोरा एडवाइजरी प्राइवेट लिमिटेड में 99 प्रतिशत हिस्सेदारी है और वह महिंद्रा एंड महिंद्रा सहित सूचीबद्ध कंपनियों से भारी शुल्क प्राप्त कर रही हैं? क्या प्रधानमंत्री को बुच के इस विवादित इकाई से संबंध के बारे में जानकारी है?’’
कंपनी सूचना के अनुसार, महिंद्रा समूह ने 2019 में धवल बुच को विशेष रूप से आपूर्ति श्रृंखला व ‘सोर्सिंग’ में उनकी विशेषज्ञता के लिए काम पर रखा था, जब वह यूनिलीवर के वैश्विक मुख्य खरीद अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे।
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