साउथ सुपरस्टार महेश बाबू अब एक बड़े विवाद में घिरते नजर आ रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें 28 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है। मामला है साईं सूर्या डेवलपर्स और सुराणा प्रोजेक्ट्स से जुड़ा, जिनके लिए महेश बाबू ने बतौर ब्रांड एंबेसडर काम किया था।
🧾 क्यों आया महेश बाबू का नाम?
ईडी की जांच के अनुसार, महेश बाबू को इन कंपनियों के एक प्रोजेक्ट ‘ग्रीन मीडोज’ का चेहरा बनाने के लिए करीब 5.9 करोड़ रुपये मिले थे। इनमें से 3.4 करोड़ रुपये चेक से और 2.5 करोड़ रुपये कैश में दिए गए थे।
इन प्रोजेक्ट्स में आम लोगों को प्लॉट बेचने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में सामने आया कि ये लेआउट्स अनऑथराइज्ड थे और एक ही प्लॉट को कई बार बेचा गया। इससे जुड़ी एफआईआर में 100 करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही जा रही है।
🏢 कौन हैं ये कंपनियां?
साईं सूर्या डेवलपर्स और सुराणा ग्रुप हैदराबाद की जानी-पहचानी रियल एस्टेट कंपनियां हैं।
इन पर हाल ही में ईडी ने छापा मारा और कई अहम दस्तावेज जब्त किए।
साईं सूर्या डेवलपर्स के मालिक सतीश चंद्र गुप्ता पहले से ही धोखाधड़ी के मामलों में फंसे हुए हैं।
🤔 क्या महेश बाबू दोषी हैं?
फिलहाल यह साफ नहीं है कि महेश बाबू इस धोखाधड़ी में सीधे तौर पर शामिल हैं या नहीं। लेकिन चूंकि उन्हें भारी भरकम पेमेंट मिला और उनके नाम का इस्तेमाल आम लोगों का भरोसा जीतने के लिए किया गया, इसलिए ईडी उन्हें पूछताछ के लिए बुला रही है।
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