यमुना के किनारे खिला ‘कमल’, 7 में से 6 राज्यों में बीजेपी का दबदबा

दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ताज़ा जीत के साथ ही यमुना के किनारे भी कमल का सियासी दबदबा और मजबूत हो गया है। जहां एक ओर गंगा के किनारे बसे 60% राज्यों में बीजेपी की सरकार है, वहीं यमुना नदी से गुजरने वाले 7 राज्यों में से 6 में बीजेपी का परचम लहरा रहा है। खास बात ये है कि इन राज्यों में बीजेपी ने अकेले ही बहुमत हासिल किया है, किसी भी राज्य में सहयोगी दलों के भरोसे सरकार नहीं है।

🌊 यमुना नदी का भूगोल और सियासी कनेक्शन:
यमुना नदी उत्तराखंड के यमुनोत्री से निकलकर प्रयागराज में गंगा से मिलती है। इसकी कुल लंबाई करीब 1300 किलोमीटर है और यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को प्रभावित करती है।

हिंदू धर्म में यमुना को पवित्र माना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार, यमुना में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसकी सहायक नदियों में टोंस, चंबल, बेतवा, केन, हिंडन और सिंध प्रमुख हैं।

🗳️ यमुना किनारे बीजेपी का राजनीतिक सफर:
उत्तराखंड:

बीजेपी सरकार 2017 से सत्ता में है।
विधानसभा की 70 में से 47 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है।
हिमाचल प्रदेश:

एकमात्र अपवाद, जहां कांग्रेस की सरकार है।
यहां 2027 में अगला विधानसभा चुनाव होगा।
हरियाणा:

2024 के विधानसभा चुनाव में फिर से बीजेपी को बहुमत मिला।
सरकार अकेले दम पर बनाई गई है।
दिल्ली:

हालिया चुनाव में बीजेपी ने बड़ा प्रदर्शन किया, 12 में से 8 सीटों पर जीत दर्ज की।
पीएम मोदी ने ‘यमुना मैया की जय’ के नारे भी लगाए।
राजस्थान:

2023 के चुनाव में बीजेपी ने सत्ता में वापसी की।
यमुना यहां की सीमाओं को छूती है।
मध्य प्रदेश:

2020 से बीजेपी की सरकार है, इसे पार्टी का मजबूत गढ़ माना जाता है।
उत्तर प्रदेश:

यमुना प्रयागराज में गंगा से मिलती है।
यूपी में भी बीजेपी का दबदबा कायम है।
🔍 गंगा बनाम यमुना: सियासी तुलना:
जहां यमुना किनारे बीजेपी का दबदबा बेहद मजबूत है, वहीं गंगा के किनारे स्थिति थोड़ी अलग है:

गंगा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर गुजरती है।
उत्तराखंड और यूपी में बीजेपी जबकि बिहार में एनडीए की सरकार है।
लेकिन झारखंड और पश्चिम बंगाल में विपक्षी पार्टियों की सरकार है।
🌐 देश में बीजेपी और एनडीए का प्रभाव:
भारत के 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में मुख्यमंत्री की व्यवस्था है।
इनमें से 15 राज्यों में बीजेपी और कुल 21 राज्यों में एनडीए के मुख्यमंत्री हैं।
कांग्रेस के पास सिर्फ 3 राज्यों की सत्ता है, जबकि इंडिया गठबंधन के पास 5 राज्यों में सरकार है।
🚩 निष्कर्ष:
यमुना किनारे बीजेपी का राजनीतिक प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। दिल्ली में जीत के साथ ही पार्टी ने ये साबित कर दिया है कि उसका विजय रथ रुकने वाला नहीं है। अब देखना होगा कि आने वाले वर्षों में बीजेपी इस दबदबे को कितना आगे ले जा पाती है।

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