यूक्रेन संघर्ष के समाधान पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए जेलेंस्की से बातचीत की प्रतीक्षा: मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कहा कि वह यूक्रेन में जारी संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर अपना दृष्टिकोण साझा करने के लिए राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ पहले की बातचीत को आगे बढ़ाने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

पोलैंड और यूक्रेन की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होने से पहले जारी एक बयान में प्रधानमंत्री मोदी ने युद्धग्रस्त क्षेत्र में शांति और स्थिरता की जल्द बहाली की उम्मीद भी जताई। इस दौरे के पहले चरण में मोदी 21 से 22 अगस्त तक पोलैंड की राजधानी वॉरसा में रहेंगे।

मोदी राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन का दौरा कर रहे हैं। वह 23 अगस्त को तकरीबन सात घंटे यूक्रेन की राजधानी कीव में रहेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा है।

मोदी ने कहा कि ‘एक मित्र और साझेदार’ के रूप में ‘हम’ क्षेत्र में शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की उम्मीद करते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने और यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर दृष्टिकोण साझा करने के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ पहले की बातचीत को आगे बढ़ाने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहा हूं।’’

प्रधानमंत्री पोलैंड से कीव की यात्रा ‘रेल फोर्स वन’ ट्रेन से करेंगे जिसमें लगभग 10 घंटे लगेंगे। वापसी की यात्रा भी इसी अवधि की होगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज सहित विश्व के कई नेताओं ने यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद ट्रेन से कीव का दौरा किया है।

मोदी की कीव यात्रा उनकी मॉस्को की हाई-प्रोफाइल यात्रा के लगभग छह सप्ताह बाद हो रही है, जिसकी अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी।

भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और उसने बातचीत व कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के समाधान का आह्वान किया है।

पिछले महीने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी शिखर वार्ता में मोदी ने कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है और बम व गोलियों के बीच शांति वार्ता सफल नहीं होती है।

विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि मोदी की यूक्रेन यात्रा ऐतिहासिक होगी।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने कहा, ‘‘दीर्घकालिक शांति केवल उन विकल्पों के जरिए हासिल की जा सकती है जो दोनों पक्षों को स्वीकार्य हों। और केवल बातचीत के जरिए समझौता हो सकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारी ओर से, भारत सभी हितधारकों के साथ जुड़ना जारी रखेगा।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पोलैंड की उनकी यात्रा दोनों देशों के राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर हो रही है और यह देश मध्य यूरोप में एक प्रमुख आर्थिक भागीदार है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र और बहुलवाद के प्रति हमारी आपसी प्रतिबद्धता दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करती है।

मोदी ने कहा, ‘‘मैं, हमारी साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए अपने मित्र प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलने की आशा करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि वह पोलैंड में भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित भी करेंगे। मोदी ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापक संपर्क को बनाए रखने और आने वाले वर्षों में अधिक मजबूत एवं जीवंत संबंधों की नींव तैयार करने में मदद करेगी।’’

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