अलसी: अर्थराइटिस के लिए प्राकृतिक उपचार, जाने सेवन कैसे करें

अर्थराइटिस एक ऐसी बीमारी है जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनती है। अलसी एक ऐसा बीज है जो ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है। इसीलिए, अलसी अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में काफी प्रभावी साबित हो सकती है।

अलसी कैसे मदद करती है अर्थराइटिस में?

  • सूजन कम करती है: अलसी में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं, जिससे जोड़ों का दर्द और सूजन कम होती है।
  • जोड़ों को लचीला बनाती है: अलसी जोड़ों को लचीला बनाने में मदद करती है, जिससे हड्डियां आसानी से घूम सकती हैं।
  • हड्डियों को मजबूत बनाती है: अलसी में कैल्शियम और अन्य खनिज होते हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

अलसी का सेवन कैसे करें?

अलसी को आप अपनी डाइट में कई तरीकों से शामिल कर सकते हैं:

  • अलसी के बीज: आप अलसी के बीजों को पानी में भिगोकर या दही में मिलाकर खा सकते हैं।
  • अलसी का पाउडर: आप अलसी के पाउडर को स्मूदी, दलिया या सूप में मिलाकर खा सकते हैं।
  • अलसी का तेल: आप अलसी के तेल को सलाद में डालकर या भोजन पकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

अलसी के लड्डू

अर्थराइटिस के मरीजों के लिए अलसी के लड्डू बहुत फायदेमंद होते हैं। आप घर पर ही आसानी से अलसी के लड्डू बना सकते हैं।सामग्री:

  • अलसी के बीज – 1 कप
  • गुड़ – 1 कप
  • सूखे मेवे (काजू, बादाम) – आधा कप

विधि:

  1. अलसी के बीजों को रात भर पानी में भिगो दें।
  2. सुबह भिगोए हुए बीजों को पीसकर पेस्ट बना लें।
  3. एक पैन में गुड़ को गर्म करके पिघला लें।
  4. पिघले हुए गुड़ में अलसी का पेस्ट और सूखे मेवे मिलाकर अच्छे से मिला लें।
  5. छोटे-छोटे लड्डू बना लें।

सावधानियां

  • एलर्जी: अगर आपको अलसी से एलर्जी है तो इसका सेवन न करें।
  • मात्रा: अलसी का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
  • डॉक्टर की सलाह: किसी भी नए आहार को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

निष्कर्ष:

अलसी अर्थराइटिस के मरीजों के लिए एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपचार हो सकता है। हालांकि, किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।

अस्वीकरण: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और इसे किसी भी चिकित्सकीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।

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