कम पसीना आना या एनहाइड्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर सामान्य से कम पसीना छोड़ता है। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे कि निर्जलीकरण, कुछ दवाओं के साइड इफेक्ट्स, तंत्रिका संबंधी समस्याएं, या त्वचा की कुछ स्थितियां।
कम पसीने आने के कारण:
- निर्जलीकरण: शरीर में पानी की कमी से पसीना कम आता है।
- दवाओं के साइड इफेक्ट्स: कुछ दवाएं पसीने को कम कर सकती हैं।
- तंत्रिका संबंधी समस्याएं: तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचने से पसीने की ग्रंथियां प्रभावित हो सकती हैं।
- त्वचा की स्थितियां: एक्जिमा या सोरायसिस जैसी त्वचा की स्थितियां भी पसीने को कम कर सकती हैं।
- आनुवंशिक कारण: कुछ लोगों में कम पसीना आने की समस्या आनुवंशिक हो सकती है।
कम पसीने आने के खतरे:
- ओवरहीटिंग: शरीर का तापमान बढ़ सकता है।
- किडनी की समस्याएं: शरीर से टॉक्सिन्स बाहर नहीं निकल पाते हैं।
- त्वचा की समस्याएं: त्वचा रूखी और खराब हो सकती है।
आयुर्वेदिक उपचार:
आयुर्वेद में कम पसीने के लिए कई प्रभावी उपचार हैं।
- हरड़ का चूर्ण: हरड़ का चूर्ण पाचन शक्ति को बढ़ाता है और शरीर को ठंडा रखता है।
- आंवला: आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- तुलसी: तुलसी शरीर को ठंडा रखती है और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती है।
- अश्वगंधा: अश्वगंधा तनाव को कम करता है और शरीर को मजबूत बनाता है।
कैसे करें उपयोग:
- हरड़ का चूर्ण: रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच हरड़ का चूर्ण गुनगुने पानी के साथ लें।
- आंवला: रोजाना आंवले का जूस पीएं।
- तुलसी: तुलसी की पत्तियों को चाय के रूप में पीएं।
- अश्वगंधा: अश्वगंधा चूर्ण को डॉक्टर की सलाह से लें।
घरेलू उपाय:
- नियमित व्यायाम: व्यायाम करने से पसीना आता है और शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है।
- पर्याप्त पानी पिएं: शरीर में पानी की कमी से बचें।
- संतुलित आहार लें: फलों, सब्जियों और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।
- तनाव कम करें: योग और ध्यान करने से तनाव कम होता है।
कब लें डॉक्टर की सलाह:
- यदि कम पसीना आने के साथ आपको अन्य लक्षण जैसे बुखार, दस्त, या चक्कर आना महसूस हो रहा है।
- यदि आप किसी दवा का सेवन कर रहे हैं।
- यदि आपको कोई अन्य स्वास्थ्य समस्या है।
ध्यान दें: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी तरह से चिकित्सकीय सलाह नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा किसी डॉक्टर से सलाह लें।
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