पटना में बीपीएससी अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज, चिराग पासवान ने उठाया सवाल

पटना में रविवार को बीपीएससी (BPSC) अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन की बौछार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। केंद्रीय मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी चिराग पासवान ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताई है। लोजपा (आरवी) के प्रमुख चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दोषी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।

चिराग पासवान ने बिना नाम लिए प्रशांत किशोर, पप्पू यादव और तेजस्वी यादव पर आरोप लगाया है कि उन्होंने छात्रों को भटकाया। रविवार को प्रशांत किशोर के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने गांधी मैदान से मुख्यमंत्री आवास तक मार्च निकाला, जहां पुलिस ने उन्हें रोका। करीब तीन घंटों की जद्दोजहद के बाद पुलिस ने वाटर कैनन और लाठीचार्ज करके प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया। इस पर चिराग पासवान ने कहा कि जदयू का रुख इस मामले में अलग है। जदयू नेता और शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने लाठीचार्ज को सही ठहराया और कहा कि प्रदर्शन करने की एक सीमा होनी चाहिए।

सोशल मीडिया पर ट्वीट करके चिराग पासवान ने कहा कि वह पटना में छात्रों पर लाठीचार्ज और वाटर कैनन के इस्तेमाल का समर्थन नहीं करते हैं। उनका कहना था कि पुलिस को संयम बरतना चाहिए और छात्रों से शांतिपूर्ण तरीके से संवाद करना चाहिए, न कि इस तरह के कठोर उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से यह भी अपील की कि ऐसे पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए, जो इस तरह के कृत्यों में शामिल हैं।

चिराग पासवान ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल छात्रों को भटकाने का काम कर रहे हैं, और यह छात्रों का राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना गलत है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर सजग हैं और सरकार छात्रों की मदद करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

चिराग पासवान ने छात्रों से अपील की कि वे शांतिपूर्ण और रचनात्मक तरीके से अपनी बात सरकार के सामने रखें और किसी भी राजनीतिक प्रभाव में न आएं। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा बिहार के युवाओं और उनके भविष्य से जुड़ा है, जिसे राजनीति से ऊपर रखकर हल किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार के युवाओं, खासकर बीपीएससी अभ्यर्थियों के मुद्दों को लेकर उन्होंने एनडीए सरकार से बिहार सरकार और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हस्तक्षेप करने की अपील की है। इसके बाद सरकार की ओर से मुख्य सचिव ने अभ्यर्थियों और छात्रों के साथ संवाद की प्रक्रिया शुरू कर दी है और जल्द ही इस पहल के सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।

यह भी पढ़े :-

“कब्ज को न समझें मामूली समस्या, इसके गंभीर प्रभावों से बचें!”