कुशा कपिला जो एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर और एक्ट्रेस हैं । उन्होंने अपनी एक्टिंग जर्नी को लेकर एक खुले मंच पर राय रखी। साथ ही सोशल मीडिया पर रोस्टिंग के मायने कितने बदल गए हैं, इसके बारे में भी कुशा ने रिएक्ट किया. उन्होंने डिजाइनिंग की पढ़ाई की थी. 4 साल यहां पढ़ाई की. इससे पहले लिट्रेचर किया था. इस दौरान लगा कि ये मेरे लिए नहीं है. हालांकि, पढ़ाई पूरी की. पर इसमें मैंने अपना करियर नहीं बनाया. मुझे लिखना पसंद था. मैं फैशन राइटिंग में चली गई. वहां 4-5 साल काम करने के बाद मैंने कॉन्टेंट बनाना शुरू किया. बॉलीवुड स्टार्स के कपड़ों के बारे में ओपीनियन के बारे में लिखती थी.
अनोखे किरदार अपने कॉन्टेंट में लेकर आईं
परिवार में कितने किरदार रहे होंगे जो ऐसे बात करते होंगे. चाची, मामी, दादी, हर कोई अलग ढंग से बात करता है. तो मैंने उन्हीं लोगों से पंजाबी किरदारों से ताल्लुक रखते हुए मैंने कॉन्टेंट क्रिएट करने का सोचा. आज मुझे रिश्तेदारों से सिर्फ यही सुनने को मिलता है कि बेटा हेल्दी हो गए और पतले हो गए. बॉडी पर कॉमेंट तो है ही जो मैं हर रोज शायद सुनती हूं.
रोस्टिंग के नाम पर क्रॉस कर रहे लाइन
हां, मैं मानती हूं, रोस्टिंग के नाम पर लोग लाइन क्रॉस कर रहे हैं, पर्सनल जा रहे हैं. मुझे लगता है कि जहां मैंने लाइन ड्रॉ कर रखी थी वो अच्छी लाइन है. मुझे लगता है कि उससे बहुत औरतें सीख सकती हैं. मैं जब सफाई दी थी तो यही कहा था कि जो औरतें आर्टिस्ट हैं और जो ऐसे रोस्ट फॉर्मैट पर जाएंगी वो एक अच्छा सा कॉन्ट्रैक्ट और अच्छा सा राइडर लेकर जाएं. बाकी मुझे लगता है कि हमें अपने जवाब और स्ट्रांग करने पड़ेंगे. क्योंकि एक चीज जिसपर हमें काम करना है वो है कॉन्फिडेंस. और जितना इसपर काम करेंगे, उतना हमें पता चलेगा कि हमें खुद के लिए बोलना कैसे है. मेरे पूरे वाकया को लेकर लड़कियां आगे बढ़ सकती हैं और जिन्हें दिक्कत आती है वो मुझे कॉल कर सकती हैं.
एक्टर बनने के बाद दिल्ली में मैंने घर खरीदा. पैसा कमाया और घर खरीदा. अपने सपनों का आशियाना बनाया. मुझे अपनी लाइफ अब पेरेंट्स के साथ बितानी है. मुझे पैसे सही जगह पर इंवेस्ट करना पसंद है. मैं कुछ भी खर्च करती हूं तो सोच समझकर करती हूं. मैंने स्टॉक, इक्विटी और सही जगह पर पापा का हाथ पकड़कर इंवेस्ट किया है.
ओटीटी स्क्रिप्ट्स, फिल्में कर रही हैं, काफी बदलाव आया है
तालीम एकदम अलग हो गई. कॉन्टेंट बनाना इतना आसान नहीं होता. फिल्मों में और ओटीटी की दुनिया में काम करने के लिए आपको ट्रेनिंग लेने पड़ती है. तो मेरा ज्यादातर समय वर्कशॉप्स लेने में अब जाता है, क्योंकि बड़े पर्दे पर किरदार को निभाना काफी अलग होता है. जो कॉन्टेंट मैं बनाती थी उससे एक्टिंग काफी अलग है. अलग सीख लेती हूं और अलग ही करने की कोशिश करती हूं.
स्क्रिप्ट्स कैसे चूज कर रही हैं
फिल्म ‘सुखी’ मुझे काफी पसंद है. औरतों के लिए जो उस फिल्म ने मैसेज दिया है. उस तरह के किरदार मैं काफी कर चुकी हूं. अब मैं कुछ अलग और हटकर करने की कोशिश करना चाहती हूं जो लोग मुझसे असोसिएट न कर पाएं. शायद, एक्शन, ड्रामा या फिर विलेन का किरदार में करना चाहती हूं. ‘सब फर्स्ट क्लास’ करने मेरी फिल्म आ रही है. उस फिल्म में मैं वरुण शर्मा और शहनाज गिल के साथ हूं. काफी अळग किरदार निभाती दिखूंगी मैं उसमें आप लोगों को.
टर्निंग प्वॉइंट क्या रहा?
मेरी जिंदगी में टर्निंग प्वॉइंट आ चुका है. वैसे जिंदगी में काफी टर्निंग प्वॉइंट होते हैं. अभी और भी टर्निंग प्वॉइंट्स आने हैं. बदलाव का इंतजार कर रही हूं.