कुणाल कामरा के शो से महाराष्ट्र में बवाल – पुलिस का नोटिस, शिवसेना की तोड़फोड़

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर कटाक्ष कर बड़ा राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया। इसके बाद शिवसेना कार्यकर्ताओं ने मुंबई के एक स्टूडियो और होटल में तोड़फोड़ कर दी, जहां यह शो रिकॉर्ड किया गया था। मामले को तूल पकड़ता देख मुंबई पुलिस ने कुणाल कामरा को नोटिस जारी कर पेश होने का आदेश दिया है।

कामरा का जवाब – माफी नहीं मांगूंगा!
इस विवाद के बीच कुणाल कामरा ने साफ कर दिया कि वह अपनी टिप्पणियों के लिए माफी नहीं मांगेंगे। इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक 53 सेकंड की ऑडियो क्लिप वायरल हो रही है, जिसमें एक शिवसेना समर्थक और कुणाल कामरा के बीच बातचीत सुनाई दे रही है।

क्लिप में कॉलर कहता है कि कामरा का हश्र मुंबई के स्टूडियो जैसा ही होगा, जिस पर कॉमेडियन जवाब देते हैं कि “मैं इस वक्त तमिलनाडु में हूं, वहां आकर देख सकते हो!”

शिंदे का बयान – “क्रिया की प्रतिक्रिया होती है!”
इस पूरे मामले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा –

“अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इसकी एक सीमा होनी चाहिए। यह किसी के खिलाफ बोलने के लिए सुपारी लेने जैसा है।”

जब शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा स्टूडियो में की गई तोड़फोड़ पर सवाल किया गया, तो शिंदे ने इसे सही ठहराते हुए कहा –

“सामने वाले व्यक्ति को भी एक मर्यादा बनाए रखनी चाहिए, वरना क्रिया की प्रतिक्रिया होती है!”

उन्होंने आगे कहा कि “यही व्यक्ति (कुणाल कामरा) पहले भी सुप्रीम कोर्ट, प्रधानमंत्री और बड़े उद्योगपतियों पर टिप्पणी कर चुका है। यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं, बल्कि किसी के लिए काम करने जैसा है।”

मुंबई पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, होटल-स्टूडियो को नुकसान
रविवार रात शिवसेना कार्यकर्ताओं ने खार स्थित हैबिटेट कॉमेडी क्लब पर हमला कर दिया, जहां कुणाल कामरा का शो फिल्माया गया था। इस हमले में होटल और क्लब दोनों को नुकसान पहुंचा।

इस मामले में मुंबई पुलिस ने सोमवार को कुणाल कामरा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली।

अजित पवार की अपील – “बयानबाजी कानून के दायरे में हो!”
इस पूरे विवाद पर महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने संतुलित रुख अपनाया। उन्होंने कहा –

“विचारधाराएं अलग हो सकती हैं, लेकिन बयानबाजी कानून और संविधान के दायरे में रहकर होनी चाहिए। किसी भी बयान से कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं पैदा होनी चाहिए।”

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