भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा माले) के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि कोसी का तटबंध सरकार की आपराधिक लापरवाही के कारण टूटा है। दरभंगा जिला के कीरतपूर प्रखंड के भूभौल गांव जहां इस बार कोसी का तटबंध टूटा, उस कटाव स्थल पर आज माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य पार्टी नेताओं की एक टीम के साथ पहुंचे और बाढ़ से प्रभावित लोगों से मुलाकात की एवं उससे हुए नुकसान और सरकार के राहत-बचाव कार्य का जायजा लेकर लौटने के बाद पत्रकारों से बातचीत की।
भाकपा माले महासचिव ने कहा कि पूरा उत्तर-पूर्व बाढ़ की तबाही झेल रहा है, हज़ारों लोग बेघर हो गए हैं, लेकिन बिहार की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) -जनता दल यूनाईटेड (जदयू) सरकार सात हज़ार रुपये की मामूली सहायता देकर अपनी जिम्मेवारी से मुक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि इससे भी निंदनीय यह है कि नीतीश कुमार जी बाढ़ सहित राज्य की अन्य समस्याओं पर फोकस करने की बजाय 2025 के चुनाव की योजना बना रहे हैं। इससे साफ जाहिर है कि उन्हें जनता की नहीं बल्कि अपनी कुर्सी की चिंता है। उन्होंने कहा कि कोसी के तटबंधों का भाजपा-नीतीश सरकार में दो बार टूटना बड़ा सवाल करता है। यह सरकार की आपराधिक लापरवाही को दर्शाता है। आत्ममुग्ध सरकार जमीनी हकीकत से पूरी तरह कट सी गई है। जिन लोगों के घर ध्वस्त हो गए, उन परिवारों के लिए सात हजार राहत की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। औराई में राहत मांग रहे लोगों पर लाठीचार्य निंदनीय है। उन्होंने कहा कि बाढ़ की तबाही को देखते हुए सरकार को खुद पहल कर सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए थी और राहत, फसल क्षति मुआवजा व बाढ़ के स्थायी समाधान पर बातचीत करनी चाहिए थी, लेकिन इस दिशा में सरकार का कोई विचार नहीं है।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि बाढ़ से दरभंगा, मधुबनी, सहरसा और समस्तीपुर जिले के लगभग 50 हजार वर्ग किलोमीटर के दायरे में दसियों हजार परिवार बुरी तरह प्रभावित है। जहां तटबंध टूटा है वहां बस्तियां विलीन हो गई हैं, एक दो ही घर बचे हैं। दर्जनों रोड, पुल पुलिया और संपर्क पथ ध्वस्त हो गए हैं। स्कूलों के कैम्पस में पानी है। फ़सल पूरी तरह नष्ट हो गई है और रबी फ़सल होने की भी कोई उम्मीद नहीं रह गई है। माल मवेशी का भारी नुकसान हुआ है। बचे मवेशियों के सामने चारा का संकट है। साथ ही, बाढ़ पीड़ित भी भोजन और इलाज का संकट झेल रहे हैं।
भाकपा माले महासचिव ने कहा कि दरभंगा जिले के भूभौल में कटाव के कारण सामने का गांव पूरी तरह बर्बाद हो गया है। मुसहर समुदाय की 35 झोपड़ियां पूरी तरह तबाह हो गई है। विनोद साव और उनकी पत्नी द्रौपदी के शव को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम नहीं ढूंढ सकीं। ग्रामीणों ने अपनी पहलकदमी पर शव को ढूँढा तथा अंतिम संस्कार किया है, जबतक स्थिति सामान्य नहीं होती मृतकों और बर्बादी का सही सही आकलन नहीं किया का सकता। ग्रामीणों ने बताया कि 28 सितम्बर की रात में तटबंध टूटा. हमने बार बार प्रशासन से बालू, बोरा और बोल्डर की मांग की लेकिन कोई सहयोग नहीं मिला उल्टे हम लोग तटबंध के बचाव के लिए मिट्टी ला रहे थे उस ट्रैक्टर को प्रशासन ने रोक दिया।
श्री भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि सरकार गणडॉल से भेजा तक लगातार 24 किलोमीटर तक बिजली की व्यवस्था करें, हर एक किलोमीटर की दूरी पर पर्याप्त संख्या में सरकारी नाव की व्यवस्था हो और भूभौल से भेजा तक दस सामुदायिक किचन, पांच मेडिकल और पांच मवेशी अस्पताल को कार्य में लगाया जाए। इसके साथ ही बाढ़ पीड़ितों के लिए मोटा प्लास्टिक की व्यवस्था, मवेशियों के लिए चारा, सभी पीड़ितों को पक्का मकान बनाकर देने की गारंटी , कोसी के पश्चिम तट की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध, बाँध को ऊंचा किया जाए, बोल्डर की व्यवस्था की जाए और विशेषज्ञों की टीम लगाई जाए और बांध टूटने के जिम्मेवार लापरवाह अधिकारियों पर सरकार शीघ्र कारवाई करें।
बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे पर आयी टीम में युवा विधायक संदीप सौरभ, विधान पार्षद शशि यादव, पार्टी के मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा, कोसी प्रभारी बैद्यनाथ यादव, मधुबनी जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण, कुमार परवेज, संतोष सहर, राज्य कमिटी सदस्य अभिषेक कुमार, शनिचरी देवी, नेयाज अहमद, बैद्यनाथ यादव, मनोज यादव, रोहित सिंह, संदीप कुमार चौधरी, प्रिंस राज, राजू कर्ण, रानी सिंह, पप्पू खान, मयंक कुमार यादव, केशरी यादव, अशोक पासवान, देवेंद्र कुमार अन्य नेतागण शामिल थे।
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