दिल टूटने के बाद अक्सर हमें जो दर्द महसूस होता है, वह भावनात्मक होने के साथ-साथ शारीरिक भी होता है. इसके पीछे मुख्य कारण होता है ‘कोर्टिसोल’ हार्मोन, जिसे तनाव हार्मोन भी कहा जाता है.
जब हमारा दिल टूटता है, तो हम न सिर्फ भावनात्मक रूप से, बल्कि शारीरिक रूप से भी दर्द महसूस करते हैं. यह दर्द कई बार इतना गहरा होता है कि हम सोचते हैं, आखिर इसका कारण क्या है?
विज्ञान के अनुसार, इस दर्द के पीछे एक हार्मोन ‘कोर्टिसोल’ होता है, जिसे आम तौर पर ‘तनाव हार्मोन’ कहा जाता है.
जब हम तनाव में होते हैं, तब यह हार्मोन हमारे शरीर में अधिक मात्रा में स्रावित होता है, जिससे हमें शारीरिक दर्द का अनुभव होता है.
व्यायाम करें: नियमित व्यायाम से कोर्टिसोल के स्तर में कमी आती है. विशेष रूप से योग और ध्यान जैसी गतिविधियां मन को शांत करती हैं और तनाव को कम करती हैं.
बैलेंस डाइट : संतुलित आहार जिसमें फल, सब्जियां, और पूरे अनाज शामिल हों, कोर्टिसोल के प्रभाव को कम कर सकता है.
चीनी और प्रोसेस्ड फूड्स से दूर रहें, क्योंकि ये कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ा सकते हैं.
पर्याप्त नींद लें:अच्छी नींद लेने से तनाव कम होता है और कोर्टिसोल के स्तर में संतुलन आता है. नींद के रूटीन को नियमित रखें और सोने से पहले इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस से दूरी बनाएं.