अल्ट्रासाउंड या सॉनोग्राम एक चिकित्सा जाँच है जिसमें उल्ट्रासाउंड तंतुओं का उपयोग करके शरीर के अंदर की छवियाँ बनाई जाती हैं। इस जाँच के पहले ज्यादा पानी पीने के लिए बोलने के कई कारण हो सकते हैं:
शरीर की सुटी को बेहतर दृष्टि के लिए: अगर आप अल्ट्रासाउंड के लिए ज्यादा पानी पीते हैं, तो आपकी सुटी (जिसे अमनियोटिक फ्लूइड कहा जाता है) की खुलाई को बेहतर तरीके से देखा जा सकता है। यह डॉक्टर को गर्भावस्था और शिशु की स्थिति को सही से मूल्यांकित करने में मदद करता है।
ज्यादा पानी बच्चे को बेहतर से देखने में मदद कर सकता है: अगर आप गर्भवती हैं, तो ज्यादा पानी पीना बच्चे को बेहतर से देखने की मदद कर सकता है। यह छोटे शिशु की सुटी को दृष्टि में रखता है, जिससे छवियाँ स्पष्ट और सही हो सकती हैं।
अधिक पानी से उल्ट्रासाउंड की क्वालिटी में सुधार हो सकता है: ज्यादा पानी पीने से शरीर के अंदर के अंशों को बेहतर तरीके से देखा जा सकता है, जिससे उल्ट्रासाउंड की क्वालिटी में सुधार हो सकता है।
हालांकि, इसे सबसे पहले अपने चिकित्सक से पुष्टि करना हमेशा अच्छा होता है क्योंकि यह व्यक्ति की विशेष स्थिति पर निर्भर करता है। डॉक्टर आपको आपके स्वास्थ्य और जाँच की जरूरतों के आधार पर सही सलाह देने में सक्षम होता है।
क्या है अल्ट्रासाउंड
अल्ट्रासाउंड एक सामान्य नैदानिक इमेजिंग परीक्षण है, जिसका उपयोग मानव शरीर के अंदर देखने में होता है. अब तो इसका इस्तेमाल तमाम बीमारियों में पेट की जांच करने में होने लगा है लेकिन मुख्य तौर पर इनका उपयोग अक्सर गर्भवती महिलाओं में बच्चे को देखने के लिए किया जाता है.
अल्ट्रासाउंड कैसे काम करता है
अल्ट्रासाउंड शरीर के अंदर की छवि बनाने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है. यह एक दर्द रहित और सुरक्षित परीक्षण है जिसका उपयोग शरीर के विभिन्न हिस्सों को देखने के लिए किया जा सकता है.
इसमें ट्रांसड्यूसर द्वारा कैप्चर्ड साउंड वेव्स एक ऑब्जेक्ट के जरिए पास होती हैं और टकराकर वापस आती हैं. जिससे स्क्रीन पर स्कैन इमेज बनता रहता है. ट्रांसड्यूसर एक माइक्रोफोन की तरह दिखता है जो जांच के दौरान साउंड वेव्स को ऑर्गन तक भेजता है. डिस्प्ले इमेज के लिए गूंज को कैप्चर करता है.