PCOS यानी पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम से जूझ रही महिलाओं के लिए संतुलित आहार बेहद जरूरी है। कई अध्ययनों से पता चला है कि कुछ खास तरह के बीज PCOS के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। आज हम आपको बताएँगे उन बीजों के बारे में जिनका सेवन PCOS से पीड़ित महिलाओं के लिए फायदेमंद होता है:
1. अलसी के बीज:
- क्यों हैं फायदेमंद: अलसी के बीज ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं जो हार्मोन के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते हैं। ये बीज इंसुलिन प्रतिरोध को कम करने और सूजन को कम करने में भी मदद करते हैं।
- कैसे खाएं: अलसी के बीजों को आप दही, सलाद या स्मूदी में मिलाकर खा सकते हैं। आप अलसी का तेल भी अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
2. चिया सीड्स:
- क्यों हैं फायदेमंद: चिया सीड्स फाइबर से भरपूर होते हैं जो आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं। ये बीज ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने और वजन कम करने में मदद करते हैं।
- कैसे खाएं: चिया सीड्स को आप दही, पायस या स्मूदी में मिलाकर खा सकते हैं। आप चिया सीड्स से पुडिंग भी बना सकते हैं।
3. कद्दू के बीज:
- क्यों हैं फायदेमंद: कद्दू के बीज जिंक से भरपूर होते हैं जो टेस्टोस्टेरोन के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। ये बीज प्रोस्टेट स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे होते हैं।
- कैसे खाएं: आप कद्दू के बीजों को भुनाकर या सलाद में मिलाकर खा सकते हैं।
4. सनफ्लावर सीड्स:
- क्यों हैं फायदेमंद: सनफ्लावर सीड्स विटामिन ई से भरपूर होते हैं जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं। ये बीज हृदय स्वास्थ्य के लिए भी अच्छे होते हैं।
- कैसे खाएं: सनफ्लावर सीड्स को आप सलाद, दही या अनाज में मिलाकर खा सकते हैं।
5. तुलसी के बीज:
- क्यों हैं फायदेमंद: तुलसी के बीज एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं जो शरीर को मुक्त कणों से बचाते हैं। ये बीज पाचन को दुरुस्त रखने में भी मदद करते हैं।
- कैसे खाएं: तुलसी के बीजों को आप पानी में भिगोकर या चाय में मिलाकर पी सकते हैं।
ध्यान दें:
- ये जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी बीमारी के लिए डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- इन बीजों को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या डायटीशियन से सलाह लें।
- इन बीजों को अधिक मात्रा में खाने से पेट फूलना, गैस या कब्ज की समस्या हो सकती है।
अन्य महत्वपूर्ण बातें:
- PCOS को नियंत्रित करने के लिए संतुलित आहार के साथ-साथ नियमित व्यायाम भी जरूरी है।
- अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं को समय पर लें।
- नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच करवाते रहें।
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