हाँ, यह सच है कि तापमान में गिरावट का थायराइड के स्तर पर कुछ हद तक प्रभाव पड़ सकता है। विशेष रूप से, ठंडे मौसम में हाइपोथायराइड (अंडरएक्टिव थायराइड) के लक्षणों में वृद्धि हो सकती है।
क्यों होता है ऐसा?
- मेटाबॉलिज्म में बदलाव: थायराइड ग्रंथि शरीर के चयापचय को नियंत्रित करती है। ठंड के मौसम में शरीर अपने आप को गर्म रखने के लिए मेटाबॉलिज्म को धीमा कर देता है, जो हाइपोथायराइड के रोगियों के लिए समस्या पैदा कर सकता है क्योंकि उनका मेटाबॉलिज्म पहले से ही धीमा होता है।
- विटामिन डी की कमी: सूर्य की रोशनी विटामिन डी के उत्पादन के लिए आवश्यक होती है। सर्दियों में सूर्य की रोशनी कम होने के कारण विटामिन डी की कमी हो सकती है, जो थायराइड के कार्य को प्रभावित कर सकती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में बदलाव: ठंड के मौसम में इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जो ऑटोइम्यून थायराइड रोगों को बढ़ावा दे सकता है।
तापमान में बदलाव के कारण होने वाले थायराइड के लक्षण:
- थकान
- वजन बढ़ना
- कब्ज
- शुष्क त्वचा और बाल
- मांसपेशियों में दर्द
- ठंड लगना
उपचार और रोकथाम:
- डॉक्टर से नियमित रूप से संपर्क: अगर आपको थायराइड की समस्या है तो आपको नियमित रूप से डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- दवाएं: डॉक्टर थायराइड के स्तर को नियंत्रित करने के लिए दवाएं लिख सकते हैं।
- स्वस्थ आहार: आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे समुद्री भोजन, दूध और डेयरी उत्पादों का सेवन करें।
- व्यायाम: नियमित रूप से व्यायाम करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और थायराइड के लक्षणों में सुधार होता है।
- तनाव प्रबंधन: तनाव थायराइड को प्रभावित कर सकता है, इसलिए तनाव को कम करने के लिए योग, ध्यान या अन्य तकनीकों का उपयोग करें।
- विटामिन डी की पूर्ति: डॉक्टर की सलाह से विटामिन डी की खुराक ले सकते हैं।
ध्यान रखें:
- यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
- अगर आपको थायराइड की कोई समस्या है तो स्व-उपचार न करें।
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