कुकिंग ऑयल को ज़्यादा देर तक गर्म करना सेहत के लिए काफी हानिकारक हो सकता है। ऐसा करने से तेल में कई तरह के हानिकारक तत्व बन जाते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
कुकिंग ऑयल को ज़्यादा गर्म करने पर क्या होता है?
- धुआं और हानिकारक पदार्थ: जब हम कुकिंग ऑयल को बहुत ज़्यादा गर्म करते हैं, तो उसमें से धुआं निकलना शुरू हो जाता है। इस धुएं में कई तरह के हानिकारक पदार्थ होते हैं, जैसे कि फ्री रेडिकल्स और ट्रांस फैटी एसिड्स।
- फ्री रेडिकल्स: ये हमारे शरीर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
- ट्रांस फैटी एसिड्स: ये दिल की बीमारियों, मोटापे और डायबिटीज जैसे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ा सकते हैं।
कुकिंग ऑयल को ज़्यादा गर्म करने के नुकसान
- कैंसर का खतरा: कुछ अध्ययनों से पता चला है कि ज़्यादा गर्म किए गए तेल में पाए जाने वाले कुछ पदार्थ कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।
- दिल की बीमारियां: ट्रांस फैटी एसिड्स दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ाते हैं।
- पाचन संबंधी समस्याएं: ज़्यादा गर्म किया गया तेल पेट में जलन, एसिडिटी और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है।
- इम्यून सिस्टम कमजोर होना: ज़्यादा गर्म किया गया तेल हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है, जिससे हम संक्रमण की चपेट में आसानी से आ सकते हैं।
कुकिंग ऑयल का सही तरीके से इस्तेमाल कैसे करें?
- धुआं बिंदु: हर तरह के कुकिंग ऑयल का एक धुआं बिंदु होता है। आपको अपने तेल को उसके धुआं बिंदु से कम तापमान पर ही गर्म करना चाहिए।
- ताज़ा तेल का इस्तेमाल करें: पुराने या बार-बार गर्म किए गए तेल का इस्तेमाल न करें।
- तेल को ज़्यादा देर तक गर्म न करें: अगर आप तल रहे हैं, तो तेल को ज़्यादा देर तक गर्म न रखें।
- स्मोकिंग प्वाइंट:
- नारियल का तेल: 177 डिग्री सेल्सियस
- मक्का का तेल: 204 डिग्री सेल्सियस
- जैतून का तेल: 191 डिग्री सेल्सियस
- मूंगफली का तेल: 232 डिग्री सेल्सियस
- सूरजमुखी का तेल: 204 डिग्री सेल्सियस
निष्कर्ष
कुकिंग ऑयल को ज़्यादा देर तक गर्म करना हमारी सेहत के लिए कई तरह के खतरे पैदा कर सकता है। इसलिए, हमें हमेशा तेल को उसके धुआं बिंदु से कम तापमान पर ही गर्म करना चाहिए और ताज़ा तेल का इस्तेमाल करना चाहिए।
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