क्रिएटिनिन हमारे शरीर में एक अपशिष्ट पदार्थ है जो मांसपेशियों के टूटने से बनता है। किडनी स्वस्थ होने पर यह अपशिष्ट पदार्थ पेशाब के माध्यम से शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। लेकिन जब किडनी ठीक से काम नहीं करती है तो क्रिएटिनिन रक्त में जमा होने लगता है, जिससे कई समस्याएं हो सकती हैं
क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण
- किडनी की बीमारी: किडनी में किसी भी तरह की बीमारी जैसे किडनी की पथरी, किडनी का संक्रमण, या किडनी की क्षति क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा सकती है।
- डायबिटीज: लंबे समय तक अनियंत्रित डायबिटीज किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है और क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा सकती है।
- हाई ब्लड प्रेशर: उच्च रक्तचाप भी किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है और क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा सकता है।
- निर्जलीकरण: शरीर में पानी की कमी से भी क्रिएटिनिन के स्तर में वृद्धि हो सकती है।
- कुछ दवाएं: कुछ दवाएं भी क्रिएटिनिन के स्तर को बढ़ा सकती हैं।
क्रिएटिनिन बढ़ने के लक्षण
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- पूरे शरीर में खुजली: क्रिएटिनिन बढ़ने से शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो जाते हैं जो त्वचा को प्रभावित करते हैं और खुजली पैदा करते हैं।
- पेशाब में जलन: क्रिएटिनिन बढ़ने से मूत्र मार्ग में जलन हो सकती है जिससे पेशाब करते समय जलन महसूस होती है।
- थकान और कमजोरी:
- भूख न लगना:
- मतली और उल्टी:
- पैरों में सूजन:
- सांस लेने में तकलीफ:
उपचार
क्रिएटिनिन के स्तर को कम करने के लिए उपचार का तरीका इसके कारण पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में जीवनशैली में बदलाव जैसे कि स्वस्थ आहार लेना, नियमित व्यायाम करना और रक्तचाप और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखना काफी होता है। गंभीर मामलों में दवाइयां या डायलिसिस की आवश्यकता हो सकती है।
निष्कर्ष
यदि आपको ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई देते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जितनी जल्दी आप इलाज शुरू करेंगे, उतनी ही जल्दी आप इस समस्या से उबर पाएंगे।
ध्यान दें: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी बीमारी के लिए डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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