सुबह उठते ही लगातार आने वाली छींक कई लोगों के लिए एक आम समस्या होती है। यह एलर्जी, सर्दी, या अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। आयुर्वेद में इस समस्या के लिए कई प्रभावी घरेलू उपाय दिए गए हैं।
छींक आने के कारण
- एलर्जी: धूल, पराग, पशुओं के रोएं आदि से एलर्जी होने पर छींक आना आम है।
- सर्दी: सर्दी-जुकाम के दौरान भी छींक आना आम है।
- साइनस: साइनस की समस्या होने पर भी छींक आ सकती है।
- सूखापन: नाक के अंदर सूखापन होने पर भी छींक आ सकती है।
आयुर्वेदिक उपाय
- शहद और नींबू का पानी: एक गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर पीएं। यह नाक को साफ करने में मदद करता है।
- अदरक का चाय: अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो नाक की सूजन को कम करते हैं।
- तुलसी का चाय: तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
- लौंग: लौंग को चबाने से नाक साफ होती है और छींक आने में आराम मिलता है।
- भाप लेना: गर्म पानी में कुछ बूंदें यूकेलिप्टस ऑयल मिलाकर भाप लेने से नाक की रुकावट दूर होती है।
- नेति: नेति एक आयुर्वेदिक तकनीक है जिसमें नाक को नमक के पानी से धोया जाता है। यह एलर्जी और साइनस की समस्या को कम करने में मदद करता है।
अन्य उपाय
- अपने कमरे को साफ रखें: धूल और गंदगी से बचें।
- पर्याप्त नींद लें: नींद की कमी से इम्यूनिटी कमजोर हो सकती है।
- तनाव कम करें: योग और ध्यान करने से तनाव कम होता है।
- पानी अधिक मात्रा में पिएं: शरीर को हाइड्रेटेड रखने से छींक आने की समस्या कम हो सकती है।
कब डॉक्टर को दिखाएं:
- अगर छींक के साथ बुखार, खांसी, या सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
- अगर छींक आना लगातार बना रहता है और अन्य उपायों से आराम नहीं मिल रहा है।
ध्यान दें: यह जानकारी केवल सूचना के उद्देश्य से दी गई है और इसे किसी भी चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा किसी डॉक्टर से सलाह लें।
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