भारत में ब्रेस्ट कैंसर के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. साल 2022 में कैंसर के 14 लाख से अधिक मामले सामने आए थे. इनमें ब्रेस्ट कैंसर के केस टॉप 5 में थे. खानपान की गलत आदतें, गड़बड़ लाइफस्टाइल और बढ़ता मोटापा इस कैंसर के होने का एक बहुत बड़ा कारण है. अब इस कैंसर के होने का पैटर्न भी बदल रहा है. एक जमाना था जब 50 साल की उम्र के बाद महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के केस सामने आते थे, लेकिन अब 25 से 30 साल की उम्र में ही महिलाएं इस कैंसर का शिकार हो रही हैं.
लोगो का यह मानना है कि कैंसर केवल बड़ी उम्र में ही होता है. लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है. कम उम्र में भी ये कैंसर हो सकता है. ऐसे में सेल्फ एग्जामिनेशन बहुत जरुरी होता है.
क्यों जरूरी होता है ब्रेस्ट का सेल्फ एग्जामिनेशन
ब्रेस्ट का सेल्फ एग्जामिनेशन बहुत जरूरी होता है. इससे समय रहते इस कैंसर की पहचान हो सकती है. सेल्फ एग्जामिनेशन में महिलाएं अपनी ब्रेस्ट की खुद जांच करती है. अगर ब्रेस्ट में असामान्य परिवर्तन का पता लगे तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. ब्रेस्ट का सेल्फ एग्जामिनेशन करते समय अपने स्तनों को देखें कि उनके आकार, रंग, और बनावट में कोई बदलाव तो नहीं हो रहा है. देंखे कि स्तन में कोई गांठ तो नहीं है. अगर ऐसा है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले.
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