टी-3 हार्मोन की अति जहां थायरॉयड का सबब बन सकती है, वहीं हृदय में मौजूद कोशिकाओं में इसकी कमी से लोगों के दिल की बीमारियों का शिकार होने की आशंका बढ़ जाती है। न्यूयॉर्क इंस्टीट्यूट ऑफ ऑस्टियोपेथिक मेडिसिन और फुवाई हार्ट हॉस्पिटल (बीजिंग) के हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है।
शोधकर्ताओं ने थायरॉयड जांच को हृदयरोगों के संभावित खतरे की पहचान करने में अहम करार दिया है। इसकी मदद से उन लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने में मदद मिलेगी, जिनके दिल की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि टी-3 हार्मोन की कमी से रक्त धमनियों में वसा जमने का खतरा बढ़ जाता है। इससे खून के बहाव के दौरान हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। यही नहीं, धमनियों के फंटने का जोखिम भी कई गुना अधिक हो जाता है। हृदय की कोशिकाओं में टी-3 हार्मोन की कमी से हृदयगति अनियंत्रित होने की भी शिकायत सता सकती है।