कब्ज एक आम समस्या है जो पेट की खाली गति और मल त्याग में कठिनाई से होती है। यह कई कारकों के कारण हो सकता है, जैसे कि अपर्याप्त आहार फाइबर, पानी की कमी, व्यायाम की कमी, और कुछ दवाएं।
आयुर्वेद में, कब्ज को “विबंध” कहा जाता है और इसे असंतुलित “वात” दोष के कारण माना जाता है। आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खे “वात” को संतुलित करने और पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
यहां कुछ आयुर्वेदिक उपचार और घरेलू नुस्खे दिए गए हैं जो कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं:
1. गर्म पानी: सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी पीने से पाचन क्रिया शुरू हो सकती है और मल त्याग में आसानी हो सकती है।
2. त्रिफला: त्रिफला आंवला, हरड़ और बहेड़ा का एक आयुर्वेदिक मिश्रण है। यह एक प्राकृतिक रेचक के रूप में कार्य करता है और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
3. गाय का दूध: गर्म दूध में एक चम्मच घी और एक चुटकी हल्दी मिलाकर पीने से कब्ज से राहत मिल सकती है।
4. अदरक: अदरक में पाचन-क्रिया को बढ़ाने वाले गुण होते हैं। आप अदरक की चाय पी सकते हैं या अदरक को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।
5. पुदीना: पुदीना पाचन तंत्र को शांत करता है और गैस और सूजन को कम करने में मदद करता है। आप पुदीने की चाय पी सकते हैं या पुदीने की पत्तियों को अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं।
6. इसबगोल: इसबगोल एक प्राकृतिक रेचक है जो मल को नरम बनाने और मल त्याग को आसान बनाने में मदद करता है।
7. काली किशमिश: रात में 10-12 काली किशमिश पानी में भिगो दें और सुबह खाली पेट खा लें।
8. अनार का जूस: अनार का जूस कब्ज से राहत दिलाने और पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
9. आंवला: आंवला विटामिन सी का एक अच्छा स्रोत है जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
10. नियमित व्यायाम: नियमित व्यायाम पाचन तंत्र को गतिमान रखने और कब्ज को रोकने में मदद करता है।
यह भी महत्वपूर्ण है:
- पर्याप्त मात्रा में पानी पीना:
कम से कम 8-10 गिलास पानी प्रतिदिन पीने से कब्ज को रोकने में मदद मिल सकती है। - पौष्टिक भोजन खाना: फलों, सब्जियों और साबुत अनाज से भरपूर आहार फाइबर का एक अच्छा स्रोत है जो कब्ज को रोकने में मदद करता है।
- तनाव कम करना: तनाव कब्ज का एक कारण हो सकता है। योग, ध्यान या गहरी सांस लेने के व्यायाम का अभ्यास करके तनाव कम करें।
- कैफीन और शराब से बचना: कैफीन और शराब मल त्याग को धीमा कर सकते हैं और कब्ज को बदतर बना सकते हैं।
अगर आपको कब्ज की समस्या लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
यह किसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
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