चंद्र दर्शन हिंदू धर्म में काफी महत्व रखता है क्योंकि चद्रंमा को देवता समान माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से चंद्र दर्शन हर माह में एक बार होता ही हैं। चन्द्र दर्शन तब किया जाता है जब अमावस्या के बाद पहली बार चंद्रमा दिखाई देता है। भक्त इस दिन भगवान चंद्र की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं और चंद्र देवता की विशेष पूजा करते हैं। इस विशेष दिन पर चंद्रमा को देखने के लिए इसे बहुत भाग्यशाली और समृद्ध माना जाता है। भगवान चंन्द्रमा की पूजा घर में सफलता और सौभाग्य लाती है।
अनुष्ठान: इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं और अपने पति और बच्चों की लंबी उम्र की कामना करती हैं। अपनी श्रद्धा और भक्ति के अनुसार लोग भी इस दिन व्रत रख पूजा करते हैं। व्रत के दौराना भक्त पूरे दिन किसी भी प्रकार का भोजन ग्रहण नहीं करते हैं। चांद दिखने के बाद ही व्रत खत्म होता हैं। साथ ही इस दिन ब्राह्मणों को चीनी,चावल और कपड़े दान करना और भी अधिक अच्छा माना जाता हैं।
महत्व: चंद्रमा को नौ ग्रहों में से बहुत ही विशेष माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा का पृथ्वी पर मनुष्यों जीवन पर एक बहुत ही विशेष प्रभाव होता है। चंद्र दर्शन करने से और इस दिन व्रत करने से सभी प्रकार की नकारात्मकता से छुटकारा मिलता है। जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है। इस विशेष दिन पर भगवान चंद्रमा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में पवित्रता और ज्ञान का अद्भुद् संचार होता है। जीवन में नकारात्मक विचारों से मुक्ति मिलती है। व्रत के दौरान शक्तिशाली चंद्र मंत्रों का जाप किया जाता है ताकि अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सके।