दिल्ली की सत्ता पर 11 साल तक एकछत्र राज करने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) को विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा। इस झटके के बाद अरविंद केजरीवाल ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है। दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष समेत चार राज्यों में प्रभारी और सहप्रभारी बदले गए हैं। इन बदलावों को पार्टी के राष्ट्रीय अस्तित्व को बचाने और मिशन 2027 की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है।
AAP में संगठनात्मक फेरबदल, दिल्ली में नया अध्यक्ष
गोपाल राय की छुट्टी, सौरभ भारद्वाज बने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष
पंजाब, गुजरात, गोवा और जम्मू-कश्मीर में नए प्रभारी नियुक्त
पंजाब की कमान मनीष सिसोदिया को मिली, सत्येंद्र जैन बने सहप्रभारी
गुजरात में गोपाल राय को प्रभारी तो दुर्गेश पाठक को सहप्रभारी बनाया गया
गोवा की जिम्मेदारी पंकज गुप्ता को सौंपी, तीन सहप्रभारी नियुक्त
सौरभ भारद्वाज को दिल्ली की कमान, हिंदुत्व राजनीति की काट!
आम आदमी पार्टी के सियासी सफर की शुरुआत दिल्ली से हुई थी, लेकिन इस बार के चुनाव में केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा।
सौरभ भारद्वाज को दिल्ली का नया अध्यक्ष बनाया गया क्योंकि वे
तीन बार विधायक रहे, लेकिन इस बार बीजेपी की शिखा राय से हार गए।
तेजतर्रार नेता हैं और मीडिया में अपनी बात मजबूती से रखते हैं।
ब्राह्मण समाज से आते हैं, जिससे AAP को बड़ा सामाजिक समर्थन मिल सकता है।
दिल्ली में बीजेपी के हिंदुत्व की राजनीति को काउंटर करने के लिए भारद्वाज पर दांव खेला गया।
वे पहले भी मंदिरों में हनुमान चालीसा पाठ जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर चुके हैं।
पंजाब की सत्ता बचाने की तैयारी, सिसोदिया को मिली बड़ी जिम्मेदारी
AAP के लिए पंजाब बेहद अहम, 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
मनीष सिसोदिया को प्रभारी और सत्येंद्र जैन को सहप्रभारी बनाया गया।
सिसोदिया केजरीवाल के सबसे करीबी नेता हैं, जबकि जैन ‘मोहल्ला क्लीनिक’ मॉडल के जनक माने जाते हैं।
AAP पंजाब में अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहती है, इसलिए मजबूत चेहरों को तैनात किया गया है।
गुजरात और गोवा में भी बड़ी रणनीति, 2027 पर नजर
गुजरात में 2022 में AAP ने 5 सीटें और 13% वोट हासिल किए थे।
2027 में गुजरात में बड़ा असर डालने के लिए गोपाल राय और दुर्गेश पाठक को जिम्मेदारी दी गई।
गोवा में 2022 में AAP ने 2 सीटें जीती थीं, कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया था।
AAP ने गोवा में 4 बड़े नेताओं – पंकज गुप्ता, दीपक सिंगला, आभाष चंदेला और अंकुश नारंग को जिम्मेदारी दी।
मिशन 2027: AAP का नया सियासी प्लान!
AAP ने पंजाब, गुजरात और गोवा में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है।
तीनों राज्यों में संगठन मजबूत करने के लिए नए सेनापति तैनात किए गए हैं।
दिल्ली में हार के बाद पार्टी को अपने राष्ट्रीय स्तर की पहचान बचानी है।
2027 में AAP का असली इम्तिहान होगा, इसलिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है।
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