आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मंगलवार (4 मार्च) को अपने परिवार के साथ 10 दिवसीय विपश्यना सत्र के लिए पंजाब के होशियारपुर पहुंचे। बुधवार (5 मार्च) को उन्होंने आनंदगढ़ गांव में स्थित धम्म धजा विपश्यना केंद्र में साधना शुरू की। इस दौरान वे 15 मार्च तक ध्यान साधना में लीन रहेंगे।
सूत्रों के मुताबिक, केजरीवाल ने चौहाल में स्थित नेचर हट में रात्रि विश्राम किया और सुबह विपश्यना केंद्र के लिए रवाना हुए। यह दूसरी बार है जब वे आनंदगढ़ के विपश्यना केंद्र में ध्यान साधना करने पहुंचे हैं। इससे पहले दिसंबर 2023 में भी वे यहां आ चुके हैं।
पहले भी विपश्यना का ले चुके हैं अनुभव
अरविंद केजरीवाल पहले भी जयपुर, नागपुर, धर्मशाला (धर्मकोट), बेंगलुरु सहित कई स्थानों पर विपश्यना सत्र में शामिल हो चुके हैं। उन्हें विपश्यना ध्यान का पुराना साधक माना जाता है, जो राजनीतिक व्यस्तताओं के बीच आत्मचिंतन और मानसिक शांति के लिए इस पद्धति का उपयोग करते हैं।
क्या है विपश्यना?
विपश्यना एक प्राचीन ध्यान तकनीक है, जिसका अर्थ है – चीजों को उनके वास्तविक स्वरूप में देखना। यह आत्म-जागरूकता और मानसिक शांति प्राप्त करने की प्रक्रिया है। बौद्ध धर्म की थेरवाद परंपरा से आई यह ध्यान विधि शरीर और मन के सूक्ष्म स्तर पर आत्मनिरीक्षण को प्रेरित करती है।
चुनावी हार के बाद पहली बार दिल्ली से बाहर गए केजरीवाल
दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को करारी हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद अरविंद केजरीवाल सार्वजनिक रूप से कम ही नजर आए। चुनावी हार के बाद यह पहला मौका है जब वे दिल्ली से बाहर निकले हैं।
AAP को बड़ा झटका, बीजेपी ने 48 सीटों पर कब्जा जमाया
हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में AAP को भारी नुकसान हुआ।
आम आदमी पार्टी 70 में से सिर्फ 22 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई।
भाजपा ने 48 सीटें जीतकर AAP का किला ढहा दिया।
खुद अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन और सोमनाथ भारती जैसे बड़े नेता चुनाव हार गए।
निष्कर्ष
अरविंद केजरीवाल की विपश्यना यात्रा को आत्मचिंतन और मानसिक शांति से जोड़कर देखा जा रहा है। चुनावी हार के बाद राजनीतिक हलकों में इस पर खूब चर्चा हो रही है। अब देखना होगा कि विपश्यना के बाद AAP की राजनीति में कोई बदलाव देखने को मिलेगा या नहीं!
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