कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रेवन्ना की तत्काल गिरफ्तारी के लिए सीएम सिद्धारमैया को लिखा पत्र

कर्नाटक के हासन सांसद प्रज्ज्वल रेवन्ना अश्लील वीडियो कांड के चलते विवादों में हैं। इस बीच कर्नाटक के साहित्यकारों और शिक्षाविदों के एक समूह ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को पत्र लिखकर सांसद रेवन्ना की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। गौरतलब है कि रेवन्ना फिलहाल विदेश में हैं। राज्य सरकार ने मामले में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बी के सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया है। रेवन्ना की गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल ने ब्लू कॉर्नर नोटिस भी जारी किया है।

रेवन्ना के कारण कई महिलाओं को अपमान सहना पड़ा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, साहित्यकारों, शिक्षाविदों, नाटककारों, गायकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं सहित 107 बुद्धिजीवियों ने कथित यौन शोषण की निंदा की है। सीएम को लिखे पत्र में बुद्धिजीवियों ने कहा कि यह घटना शक्तिशाली परिवार की सामंती मानसिकता को दर्शाती है। इस परिवार के लोग संसद, विधानसभा, विधान परिषद, पंचायत और नगर निकायों में प्रमुख पदों पर हैं। रेवन्ना के कारण कई महिलाओं को अपमान सहना पड़ा। कई महिलाओं ने आत्महत्या का प्रयास किया। कई परिवारों ने तो हासन ही छोड़ दिया। पत्र पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर ने कहा कि हम पत्र को गंभीरता से लेंगे।

कुमारस्वामी ने एक दिन पहले दी थी प्रतिक्रिया
प्रज्वल रेवन्ना मामले के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए मंगलवार को कुमारस्वामी ने कहा कि उनके भतीजे और हासन सांसद प्रज्वल रेवन्ना की अश्लील वीडियो लीक होना एक साजिश है। इसके पीछे कोई ‘बड़ी व्हेल’ शामिल हो सकती है। उन्होंने आगे कहा कि वकीलों की दलीलें सुनने पर ऐसा लगा कि विधायक एचडी रेवन्ना की गिरफ्तारी नफरत की राजनीति से प्रेरित थी। पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री देवेगड़ा की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई।

सशर्त जमानत पर छूटे एचडी रेवन्ना
महिला के अपहरण मामले में घिरे जेडी-एस नेता एचडी रेवन्ना जेल से बाहर निकल आए हैं। उन पर आरोप था कि उन्होंने एक महिला का अपहरण किया और उसके बाद प्रज्ज्वल ने उस महिला के साथ दुष्कर्म किया। इस मामले में एचडी रेवन्ना ने बंगलूरू की विशेष अदालत में याचिका दायर की थी। अदालत ने 13 मई को मामले में सुनवाई करते हुए जेडी-एस नेता को सशर्त जमानत दी थी।