भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नवनिर्वाचित सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत ने आम बजट 2024-25 पर चर्चा में पहली बार संसद में बोलते हुए शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने दस साल में हिमाचल प्रदेश में जैसा बुनियादी ढांचा एवं शैक्षणिक संस्थान दिये हैं, वैसा पहले किसी सरकार ने नहीं दिया।
सुश्री रनौत ने लोकसभा में बजट चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि आज से 10 साल पहले चरमराती लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को 11वें नंबर से निकाल कर मजबूत एवं तेज गति वाली अर्थव्यवस्था बनाया और पांचवें नंबर पर ला खड़ा किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के कारण होने वाले नुकसान के प्रभाव से आज तक राज्य उबर नहीं पाया क्योंकि कांग्रेस की सरकार अक्षम है, लेकिन इस बजट में हिमाचल प्रदेश को बाढ़ की आपदा से उबरने के लिए विशेष पैकेज दिया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने बीते दस साल में हिमाचल प्रदेश को बेहतरीन सड़कें, एम्स, आईआईआईटी, आईआईएम जैसे विश्व स्तरीय संस्थान दिये। वंदे भारत जैसी ट्रेन दी। अटल सुरंग दी। मुफ्त राशन, प्रधानमंत्री आवास योजना दी। हर घर में एलपीजी गैस चूल्हा दिया। हिमाचल प्रदेश खुले में शौच से मुक्त है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने देश में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया है। मध्यम वर्ग को टैक्स में राहत दी है। उन्होंने मांग की कि उनके मंडी क्षेत्र में एक अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा खुले जिससे पर्यटन को बढ़ावा मिले।
आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह कंग ने बजट की आलोचना करते हुए कहा कि यह बजट दो का विकास, बाकी का सत्यानाश वाला बजट है। बीते 70 वर्ष में इतनी मजबूरी वाला बजट पहले कभी नहीं देखा है। युवा, किसान, महिला एवं गरीब सबके साथ अन्याय हुआ है और उन पर बोझ बढ़ा है। उन्होंने कहा कि किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं दी गयी है। खाद पर सब्सिडी घटा दी गयी है। गरीबों के लिए मनरेगा का बजट घटा दिया गया है। आर्थिक सर्वेक्षण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के लिए शोध बढ़ाने की बात कही गयी है, लेकिन बजट में शोध के लिए बजट घटा दिया गया है। आईआईटी आईआईएम का बजट कम किया गया है। विश्व में संतोष एवं खुशी के सूचकांक में भारत 118वें नंबर से घट कर 126वें नंबर पर आ गया है।
कंगना ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की आपदा के लिए पैकेज दिया है, लेकिन वही हिमाचल का पानी पंजाब में तबाही मचाता है। पंजाब की मिट्टी एवं पानी बर्बाद हो चुका है, लेकिन इस बजट में पंजाब को कुछ नहीं दिया। देश को अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में 50 प्रतिशत योगदान पंजाब का है लेकिन मिलता कुछ नहीं है। उन्होंने पंजाब को भी विशेष पैकेज देने की मांग की।
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने कहा कि उन्हें बिहार एवं आंध्र प्रदेश को विशेष पैकेज से कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन अन्य राज्यों को भी ऐसे पैकेज मिलने चाहिए। उन्होंने मांग की कि राजस्थान सहित सभी राज्यों के किसानों के ऋण माफ किये जायें क्योंकि धन्ना सेठों के 15 लाख करोड़ रुपए माफ किये गये हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में भाजपा की सीटें इसलिए भी कम हुईं हैं क्योंकि लोगों ने अग्निवीर का विरोध किया था। उन्होंने अग्निवीर योजना को तुरंत खत्म करने और पेट्रोल डीज़ल की कीमतें कम करने की मांग की।
शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि पंजाब का पानी राजस्थान को दिया जा रहा है। इसके लिए पंजाब को रायल्टी दी जानी चाहिए। पंजाब के पानी में जहरीलापन बढ़ रहा है और भूजल स्तर गिरता जा रहा है, इस पर ध्यान देना चाहिए। किसानों की आय दोगुनी करने के वादे की जगह किसानों की लागत को कई गुना बढ़ाया गया है। खाद सब्सिडी, फसल बीमा आवंटन आदि घटाया गया है।
कांग्रेस के धर्मवीर गांधी ने कहा कि पंजाब में युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर नहीं हैं। पंजाब अगर बढ़ा है तो सिर्फ खेती के दम पर बढ़ा है। इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के अब्दुस्समद समदानी ने कहा कि बजट में केरल को कुछ नहीं मिला है। केरल के युवाओं को रोजगार के अवसर चाहिए। संघीय व्यवस्था की विरासत की हिफाजत करने और भेदभाव को दूर करने की जरूरत है।
भाजपा के विष्णुदयाल राम ने कहा कि बजट की प्राथमिकताएं बहुत महत्वपूर्ण हैं। मोदी सरकार ने 25 करोड़ गरीबों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। पूरी दुनिया में जलवायु परिवर्तन के कारण खेती पर असर पड़ रहा है। इसे देखते हुए मोदी सरकार खेती के अनुसंधान पर विशेष जोर दे रही है।
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