कभी ब्रिटिश साम्राज्य को ‘सूरज न डूबने वाला देश’ कहा जाता था, लेकिन आज उसी देश में लोग बिजली के बिलों से परेशान होकर मीटर से जुगाड़ करने पर मजबूर हैं। हालात ऐसे हैं कि हर साल करीब £1.5 अरब की बिजली और गैस चोरी हो रही है।
⚡ बढ़ते बिलों ने बिगाड़े हालात
नेशनल एनर्जी एक्शन के पॉलिसी हेड मैट कोपलैंड बताते हैं कि जैसे-जैसे एनर्जी के दाम और कर्ज बढ़ रहे हैं, वैसे ही लोगों की सहनशक्ति जवाब दे रही है। लाखों लोग ठंड से बचने और घर रोशन रखने के लिए मीटर से छेड़छाड़ कर रहे हैं, क्योंकि भारी भरकम बिल चुकाना अब हर किसी के बस की बात नहीं रही।
🧑🔧 अब मैदान में उतरे गैंग भी
बात सिर्फ आम लोगों तक नहीं रुकी है, अब संगठित गैंग भी बिजली चोरी के खेल में उतर चुके हैं। ये चोरी की गई बिजली का इस्तेमाल गांजा फार्मिंग और बिटकॉइन माइनिंग जैसे गैरकानूनी धंधों में कर रहे हैं।
इलेक्ट्रिसिटी नॉर्थ वेस्ट को हर महीने 900 से ज़्यादा शिकायतें मिल रही हैं — और ये सिर्फ ग्रेटर मैनचेस्टर, लैंकाशर और कंब्रिया की बात है।
🔧 हर 150 में एक घर बना ‘जुगाड़ू’
एनर्जी थेफ्ट टिप-ऑफ सर्विस के अनुसार हर 150 में से एक घर में मीटर, पाइप या केबल के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।
‘क्राइमस्टॉपर्स’ को हर महीने 1000 से अधिक कॉल्स मिल रही हैं, जबकि विशेषज्ञ मानते हैं कि सालाना 2.5 लाख केस ऐसे हैं जो कभी रिपोर्ट ही नहीं होते।
💰 बिजली या कर्ज: किससे लड़े लोग?
ब्रिटेन का कुल एनर्जी डेब्ट अब £3.9 अरब तक पहुंच चुका है, जो 2021 की तुलना में दोगुना है।
औसतन हर घर पर £1,296 का कर्ज है, और जिनके पास भुगतान की कोई योजना नहीं है, उनका बकाया £1,600 से ऊपर जा चुका है।
🌡️ सरकार को चाहिए ठोस कदम
मैट कोपलैंड की सलाह है कि सरकार को अब आगे आकर ‘वॉर्म होम्स प्लान’ जैसी योजनाएं शुरू करनी चाहिए और सर्दियों में सीधी आर्थिक मदद देनी चाहिए।
वरना यह ट्रेंड एक बड़ी सामाजिक चुनौती बन सकता है, जहां लोग कानून तोड़ने को मजबूर हो जाएं।
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