मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को मिली जमानत

बंबई हाई कोर्ट ने जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मेडिकल आधार पर दो महीने की अंतरिम जमानत दे दी है. नरेश गोयल फिलहाल रिलायंस हॉस्पिटल में अपना इलाज करवा रहे हैं. अदालत ने उनसे एक लाख रुपये जमानत राशि जमा करने को भी कहा है. नरेश गोयल और उनकी पत्नी अनीता गोयल कैंसर से जूझ रहे हैं. नरेश गोयल ने बीमारियों को आधार बनाकर कोर्ट से राहत मांगी थी.

ईडी ने जमानत याचिका का किया विरोध
बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को उन्हें जमानत देते हुए कहा कि उनकी मेडिकल स्थिति को देखते हुए यह राहत दी जा रही है. हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इस जमानत का विरोध करते हुए कहा कि इसके बदले में उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज कराने के लिए एक महीने तक रुकने दिया जाए. फरवरी में स्पेशल कोर्ट ने नरेश गोयल की जमानत याचिका नामंजूर करते हुए कहा था कि वह अपनी पसंद के प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज करवा सकते हैं.

अनीता गोयल को भी ईडी ने किया था गिरफ्तार
ईडी ने नरेश गोयल को सितंबर, 2023 में गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने जेट एयरवेज को केनरा बैंक से मिले 538.62 करोड़ रुपये के लोन को अलग जगह इस्तेमाल किया. ईडी ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी बनाया है. इसके बाद नवंबर, 2023 में उनकी पत्नी अनीता गोयल को भी ईडी ने गिरफ्तार किया था. हालांकि, उन्हें अपने खराब स्वास्थ्य और उम्र के चलते स्पेशल कोर्ट ने जमानत दे दी थी.

सुनवाई के दौरान रो पड़े थे नरेश गोयल
जनवरी ही में हुई एक सुनवाई के दौरान नरेश गोयल अदालत के सामने रोने भी लगे थे. उन्होंने कहा था कि ऐसी जिंदगी से तो मौत बेहतर है. उन्होंने कहा था कि मैंने जीने की उम्मीद खो दी है. वह जेल में ही मर जाना पसंद करेंगे. इसके बाद जेट एयरवेज के फाउंडर ने 15 फरवरी को अदालत से कहा था कि वो ‘धीमी गति से बढ़ते कैंसर’ के इलाज के लिए जमानत चाहते हैं. अदालत ने जांच के लिए एक मेडिकल बोर्ड बनाने का आदेश पास किया था. साथ ही मेडिकल बोर्ड को यह भी निर्देश दिया था कि वह बताएं कि उसका इलाज सरकारी अस्पताल में होगा या नहीं.