गाजा में इजराइल जहां रॉकेटों और धमाकों के बीच जंग लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर उसे एक और गंभीर मोर्चे पर हार मिल रही है – जलवायु संकट. यह समस्या अब इतनी विकराल हो चुकी है कि अब गर्मी ही दुश्मन बन गई है। तापमान में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी ने इजराइल के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। यह महज मौसम का बदलाव नहीं, बल्कि एक गंभीर चेतावनी है कि अब वक्त तेजी से निकलता जा रहा है।
इजराइल का तापमान 46 साल बाद हुआ बेकाबू
1950 के दशक की तुलना में इजराइल में जुलाई का महीना अब लगभग 3°C अधिक गर्म हो चुका है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इजराइल अब जलवायु परिवर्तन का हॉटस्पॉट बन चुका है। आकाश से बरसती आग न केवल शरीर को झुलसा रही है, बल्कि यह जीवनशैली, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था तक को प्रभावित कर रही है।
यरुशलम का डेटा, जो दे रहा है खतरे की घंटी
इजराइल के ताउब सेंटर ने हाल ही में एक स्टडी जारी की, जिसमें यरुशलम के मौसम विभाग के 1950 से 2024 तक के आंकड़े शामिल हैं। इस अध्ययन के अनुसार, जुलाई के महीने का औसत तापमान 1950-1979 की तुलना में अब 2.8°C अधिक है। इसके अलावा, पूरे साल का औसत तापमान भी पिछले 10 सालों (2014-2024) में 1.8°C तक बढ़ चुका है।
जलवायु परिवर्तन के संकट में इजराइल की स्थिति
जलवायु वैज्ञानिकों का कहना है कि इजराइल अब एक ‘क्लाइमेट हॉटस्पॉट’ बन चुका है, क्योंकि यह दुनिया के औसत तापमान वृद्धि की दर से कहीं ज्यादा तेजी से गर्म हो रहा है। पेरिस समझौते में यह वादा किया गया था कि वैश्विक तापमान वृद्धि को 2°C के भीतर रोका जाएगा, लेकिन इजराइल इस सीमा को तेजी से पार करता दिख रहा है।
2024: इजराइल के लिए आग का साल
2024 को लेकर वर्ल्ड मीट्रोलॉजिकल ऑर्गनाइजेशन ने रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि यह साल वैश्विक तापमान के लिहाज से अब तक का सबसे गर्म साल हो सकता है, और यह 1.5°C ज्यादा हो सकता है, जो पिछले 175 सालों का सबसे गर्म साल होगा।
गर्मी का असर सिर्फ आंकड़ों में नहीं, हर मोर्चे पर
ताउब सेंटर की माया सादेह कहती हैं, “यह सिर्फ तापमान का आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह हमारी जीवनशैली, स्वास्थ्य, समाज और अर्थव्यवस्था पर गंभीर प्रभाव डाल रहा है।” उनका सुझाव है कि सरकार को हरी जगहों का विस्तार करना चाहिए, शहरी क्षेत्रों में ठंडे स्थानों का विकास करना चाहिए, और ग्रीनहाउस गैसों पर काबू पाना चाहिए। इसके अलावा, नागरिकों को भी अपने जीवन में बदलाव लाने की आवश्यकता है, वरना यह गर्मी सिर्फ आसमान से नहीं, बल्कि जिंदगी को भी झुलसाएगी।
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